इस्लामिक क़ानून
हमारे 12वेँ इमाम (अ:स) के प्रच्छादन (ग़ैबत) के बाद, हमारे धार्मिक विद्वान (उलामा) ने ही इस्लाम की चमकदार रौशनी को, इस अज्ञानता और अन्धकारमय जीवन में फैला रखा है!
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