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ज़्यारत अमीनल्लाह |
ईमाम अली (अ:स) पर सलवात |
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ईमाम अली (अ:स) की ज़्यारत - शबे
बेसत में पढ़ी जाने वाली |
ईमाम अली (अ:स) के ज़्यारत
के बाद की दुआ |
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ईमाम अली (अ:स) की ईद-ए-ग़दीर के
दिन की
ज़्यारत
–
1 |
ईमाम अली (अ:स) की
ईद-ए-ग़दीर के
दिन की
ज़्यारत
–
2 |
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ज़्यारत
ईमाम अली (अ:स) - 17 रबी'उल अव्वल |
मदीना में
जाने के वक़्त सलवात |
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नजफ़ में पढ़ी जाने वाली ज़्यारत |
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घर से निकलते वक़्त पढ़ें |
जब हरम-ए-मुबारक की तरफ़ जा रहे हों तो पढ़ें |
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कूफ़ा की खाई पर पढ़ें |
जैसे ही गुम्बद नज़र आने लगे,
तो पढ़ें |
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नजफ़ अशरफ़ के दरवाज़े पर पहुँचने पर पढ़ें |
जब शहर में दाख़िल हों तो,
पढ़ें |
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सेहन के पहले दरवाज़े पर पढ़ें
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सेहन में दाख़िल होने के बाद पढ़ें |
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बरामदा (रिवाक़) में रुक कर पढ़ें |
हरम मुबारक में बरामदे से अन्दर (पहले दाहिना पैर रखें) जाने के पहले दरवाज़े
में रुक कर पढ़ें |
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जब हरम-ए-मुबारक में दाख़िल होने लगें तो पहले दाहिना पैर आगे बढ़ाएं,
और कहें |
जब ज़रीह-मुबारक से
कुछ क़दम पीछे खादें हों तो पढ़ें |
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ज़ियारत –ए-मूतलक़ह
नया |
अब ज़रीह-ए-मुबारक क़ो चूमें और मुक़द्दस क़ब्र के सिरहाने खड़े होकर कहें |
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फिर ज़रीह क़ो चूमें,
फिर ऐसे खड़े हों के
काबा आपके पीछे हो और
रौज़ा सामने,
फिर पढ़ें |
मुक़द्दस क़ब्र के पास खड़े होकर पढ़ें |
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हज़रत आदम (अ:स) की ज़्यारत:(क़ब्र
के सिरहाने खड़े होकर पढ़ें) |
हज़रत नूह (अ:स)
की ज़्यारत :
(क़ब्र
के सिरहाने खड़े होकर पढ़ें) |
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ईमाम
अली (अ:स) पर सलवात पढ़ें |
विदा लेते वक़्त की ज़्यारत |
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ज़्यारत अमीनल्लाह |
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अस्सलामु अलयका या अमीरल मूमिनीन अश-हदू
अन्नका
जा'हदता
फ़िल'लाही
हक़'क़ा
जिहादिही
व
अ'मिलता
बी'किताबिही
वत'ताबा'-ता
सुनना
नबी'यिही
सल'लल-लाहू
अलय्ही
व
आलिहि
हत्ता
दा-अ'अकल'लहू
इला
जिवारिही फ़'क़बज़'अका इलय्ही बी-ईख'तियारिही व अल्ज़मा आ'-दा-इकल हुज्जता मा-अ'मालका मिनल हुजिजल बाली'गति अला जमी-इ'ख़ल'क़िही अल्लाहुम्मा फ़ज-अल नफसी
मुतमा-इन्नातन बी'क़दरिका
राज़''ल्यातन बिकाज़''आया-इका मुह'इब्बतन लिस'अफ्वती औलिया-इका मह्बू'बतन
फ़ी अर्ज़ी'का व समा-इका साबी'रतन अला नुज़ूली बला-इका
शाकिरतन लिफौ'अज़''इली ना'-मा-इका ज़ाकिरतन ली'सवा'इग़ी आला-इका मुश-ता'कातन इला फ़रह'अति लिक़ा-इका मुताज़'अव्विदा'तत तक़वा ली'युमी जज़ा-इका मुस्तान्नातन बिसुनानी औलिया-इका
मुफ़ारी'कतन ली-अखलाक़ी आ'-दा-इका मश'गूलातन अनिद दुन्या बी'हम्दिका व सनाइका
अल्लाहुम्मा इन्ना क़ुलूबल मुख़'बितीना इलायका वाली'हातुन व सुबुलर
राग़ी'बीना इलय्का शारी-अतुन व आलामल क़ासी'दीना इलायका वाज़िः;अतुन व
अफ़-इदतल आरी'फ़ीना मिनका फाज़ी-अतुन व अस'वातद दा-ईना इलायका सा-इ'दतून व
अब्वाबल इजाबती लहुम मु-फ़त'ता'हातून व दा'-वता मन नाजाका मुस्ताजा'बातुन व
तौबता मन नाबा इलायका मक़बू'लतुन व अब'रता मन बका मिन खौ'फ़ीका मर'हूमतुन
वल इगात'हता लिमनिस-तागासा बिका मौजू'दतून वल इ-अ'अनाता लिमनिस ता-अ'अना
बिका मब'दूलातुन व इ'दातिका
ली-इबादिका मुंजा'ज़तुन व ज़लाला मानिस-तक़ा'लका मुका'लतुन व आ'-मालाल आ'मिलीना लदयका मह'फ़ू'ज़तुन व अर्ज़ा'क़का
इलल ख़ला-इकिमिन लदुनका नाज़ी'लतुन व अवा-इदल मज़ीदी इलाय्हीम
वासी'लतुन व ज़ुनू'बल मुस्तग'फिरीना मग़'फूरतुन व हवा-इजा ख़ल'क़िका इनदका मक़'ज़ि'यतुन
व'जवा-इज़स सा-इलीना इनदका मु'वफ़'फरातुन व अवा-इदल मज़ीदी मुतावा'तिरतुन व मावा-इदल
मुस्तत'-इ'मीना मु-अद'दतून व मनाहुल'अज्ज़िमा-इ मुत्रा-अतुन अल्लाहुम्मा फ़स-तजिब दू-अ'आ-ई वक़'बल सना-ई
वज-मा'-बेनी व बयना औलिया-ई बी'हक़की मुहम्मदीन व अली'ईन व फातीमता वल
हसनी वल हुसैन इन्नका वली'यु ना'-मा ई व मुन्तहा मुनाया व ग़ा'यतु रजा-ई
फ़ी मुन्क़ला'बी व मस्वाया अन्ता इलाही व सैयेदी व मौलाया अग'फ़िर ली-औलिया-इना व कुफ्फ़ा अन्ना आ'-दा-अना वश'ग़ल'हुम अन अद'आनाव अज़'हीर कलिमतल हक्क़ वज-अल'हल उल्या व अध्''इज़''
कलिमतल बातिल व अजा'लाहा स'सिफ्ली इन्ना का अला कुल्ली शै'ईन क़दीर
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السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا أَمِينَ اللَّهِ فِي أَرْضِهِ وَ حُجَّتَهُ عَلَى
عِبَادِهِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ
أَشْهَدُ أَنَّكَ جَاهَدْتَ فِي اللَّهِ حَقَّ جِهَادِهِ وَ عَمِلْتَ
بِكِتَابِهِ وَ اتَّبَعْتَ سُنَنَ نَبِيِّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ
آلِهِ
حَتَّى دَعَاكَ اللَّهُ إِلَى جِوَارِهِ فَقَبَضَكَ إِلَيْهِ بِاخْتِيَارِهِ
وَ أَلْزَمَ أَعْدَاءَكَ الْحُجَّةَ مَعَ مَا لَكَ مِنَ الْحُجَجِ
الْبَالِغَةِ عَلَى جَمِيعِ خَلْقِهِ
اللَّهُمَّ فَاجْعَلْ نَفْسِي مُطْمَئِنَّةً بِقَدَرِكَ رَاضِيَةً
بِقَضَائِكَ مُولَعَةً بِذِكْرِكَ وَ دُعَائِكَ
مُحِبَّةً لِصَفْوَةِ أَوْلِيَائِكَ مَحْبُوبَةً فِي أَرْضِكَ وَ سَمَائِكَ
صَابِرَةً عَلَى نُزُولِ بَلاَئِكَ
شَاكِرَةً لِفَوَاضِلِ نَعْمَائِكَ ذَاكِرَةً لِسَوَابِغِ آلاَئِكَ
مُشْتَاقَةً إِلَى فَرْحَةِ لِقَائِكَ مُتَزَوِّدَةً التَّقْوَى لِيَوْمِ
جَزَائِكَ
مُسْتَنَّةً بِسُنَنِ أَوْلِيَائِكَ مُفَارِقَةً لِأَخْلاَقِ أَعْدَائِكَ
مَشْغُولَةً عَنِ الدُّنْيَا بِحَمْدِكَ وَ ثَنَائِكَ
اللَّهُمَّ إِنَّ قُلُوبَ الْمُخْبِتِينَ إِلَيْكَ وَالِهَةٌ وَ سُبُلَ
الرَّاغِبِينَ إِلَيْكَ شَارِعَةٌ
وَ أَعْلاَمَ الْقَاصِدِينَ إِلَيْكَ وَاضِحَةٌ وَ أَفْئِدَةَ الْعَارِفِينَ
مِنْكَ فَازِعَةٌ
وَ أَصْوَاتَ الدَّاعِينَ إِلَيْكَ صَاعِدَةٌ وَ أَبْوَابَ الْإِجَابَةِ
لَهُمْ مُفَتَّحَةٌ وَ دَعْوَةَ مَنْ نَاجَاكَ مُسْتَجَابَةٌ
وَ تَوْبَةَ مَنْ أَنَابَ إِلَيْكَ مَقْبُولَةٌ وَ عَبْرَةَ مَنْ بَكَى مِنْ
خَوْفِكَ مَرْحُومَةٌ وَ الْإِغَاثَةَ لِمَنِ اسْتَغَاثَ بِكَ مَوْجُودَةٌ)
مَبْذُولَةٌ)
وَ الْإِعَانَةَ لِمَنِ اسْتَعَانَ بِكَ مَبْذُولَةٌ (مَوْجُودَةٌ) وَ
عِدَاتِكَ لِعِبَادِكَ مُنْجَزَةٌ
وَ زَلَلَ مَنِ اسْتَقَالَكَ مُقَالَةٌ وَ أَعْمَالَ الْعَامِلِينَ لَدَيْكَ
مَحْفُوظَةٌ وَ أَرْزَاقَكَ إِلَى الْخَلاَئِقِ مِنْ لَدُنْكَ نَازِلَةٌ
وَ عَوَائِدَ الْمَزِيدِ إِلَيْهِمْ وَاصِلَةٌ وَ ذُنُوبَ
الْمُسْتَغْفِرِينَ مَغْفُورَةٌ
وَ حَوَائِجَ خَلْقِكَ عِنْدَكَ مَقْضِيَّةٌ وَ جَوَائِزَ السَّائِلِينَ
عِنْدَكَ مُوَفَّرَةٌ وَ عَوَائِدَ الْمَزِيدِ مُتَوَاتِرَةٌ
وَ مَوَائِدَ الْمُسْتَطْعِمِينَ مُعَدَّةٌ وَ مَنَاهِلَ الظِّمَاءِ (لَدَيْكَ)
مُتْرَعَةٌ
اللَّهُمَّ فَاسْتَجِبْ دُعَائِي وَ اقْبَلْ ثَنَائِي وَ اجْمَعْ بَيْنِي
وَ بَيْنَ أَوْلِيَائِي
بِحَقِّ مُحَمَّدٍ وَ عَلِيٍّ وَ فَاطِمَةَ وَ الْحَسَنِ وَ الْحُسَيْنِ
إِنَّكَ وَلِيُّ نَعْمَائِي وَ مُنْتَهَى مُنَايَ وَ غَايَةُ رَجَائِي فِي
مُنْقَلَبِي وَ مَثْوَايَ
أَنْتَ إِلَهِي وَ سَيِّدِي وَ مَوْلاَيَ اغْفِرْ لِأَوْلِيَائِنَا وَ كُفَّ
عَنَّا أَعْدَاءَنَا وَ اشْغَلْهُمْ عَنْ أَذَانَا
وَ أَظْهِرْ كَلِمَةَ الْحَقِّ وَ اجْعَلْهَا الْعُلْيَا وَ أَدْحِضْ
كَلِمَةَ الْبَاطِلِ وَ اجْعَلْهَا السُّفْلَى إِنَّكَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ
قَدِير
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ईमाम अली (अ:स) पर सलवात |
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अल्लाहुम्मा सल्ली अला अमीरिल मूमिनीना अली'यिब्नी अबी - तालिबिन अखी नबी'यिका व वली'यिही व नासिरी'ही व
सफ़ी' यिही व वज़ी'रिही व मुस्तौदा-इ’ इल्मिही व मौज़”इ-इ’ सिर'रिही व बाबी हिक्मा'तीही वन नत’इक़ी बी'हुज्जतिही वद दा-ए’ए
इला शरी-अतिहि व ख़ली'फ़तिही फ़ी उम्मातिही व मुफ़र' रिजील कर्बी अन
वज'हीही क़ा'सिमिल कफ़ा'रति व मुर'गिमील .. फजरतिल'लज़ी जा-अल्ताहू मिन
नबी'यिका बी'मंज़िलाती हारूना मिन मूसा अल्लाहुम्मा वाली मन वालाहू व
आदि मन आदाहू वन'सुर मन नस’अरहु वख़'दुल मन खद’अलहु वल-अन मन नसबा लहू
मिनल अव्वालीना वल आखिरीन व सल्ली अलय्ही अफ़'ज़ला मा सल'लय्ता अला
अह’अदीन मिन औसिया-इ अम्बिया-इका या रब्बल आलमीन ..
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اَللَّهُمَّ
صَلِّ
عَلَى
أَمِيرِ
الْمُؤْمِنِينَ
عَلِيِّ
بْنِ
أَبِي
طَالِبٍ
أَخِي
نَبِيِّكَ
وَ
وَلِيِّهِ
وَ
صَفِيِّهِ
(وَ
وَصِيِّهِ)
وَ
وَزِيرِهِ
وَ مُسْتَوْدَعِ عِلْمِهِ
وَ مَوْضِعِ سِرِّهِ وَ بَابِ حِكْمَتِهِ وَ النَّاطِقِ بِحُجَّتِهِ وَ
الدَّاعِي
إِلَى شَرِيعَتِهِ وَ خَلِيفَتِهِ فِي أُمَّتِهِ
وَ مُفَرِّجِ الْكُرَبِ
(الْكَرْبِ)
عَنْ وَجْهِهِ قَاصِمِ الْكَفَرَةِ وَ مُرْغِمِ الْفَجَرَةِ الَّذِي
جَعَلْتَهُ مِنْ نَبِيِّكَ بِمَنْزِلَةِ هَارُونَ مِنْ مُوسَى
اللَّهُمَّ وَالِ
مَنْ وَالاَهُ وَ عَادِ مَنْ عَادَاهُ وَ انْصُرْ مَنْ نَصْرَهُ وَ اخْذُلْ
مَنْ
خَذَلَهُ
وَ الْعَنْ مَنْ نَصَبَ لَهُ مِنَ الْأَوَّلِينَ وَ
الْآخِرِينَ
وَ صَلِّ عَلَيْهِ أَفْضَلَ مَا صَلَّيْتَ عَلَى أَحَدٍ مِنْ
أَوْصِيَاءِ أَنْبِيَائِكَ يَا رَبَّ الْعَالَمِين |
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ईमाम अली (अ:स) के ज़्यारत
के बाद की दुआ |
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अल्लाहुम्मा ला बुददा मिन अम्रीका व ला बुद'दा मिन क़द'रिका व ला बुद'दा मिन क़ज़ा-इका व ला हौला व
ला क़ु'वता इल्ला बिका अल्लाहुम्मा फ़मा क़'ज़यता अलय्ना मिन क़ज़ा-इन
औ क़द'दर्ता अलैना मिन क़द'रिन फ़-आतिना मा-अहू सबरनं
यक़'हरुहू व यद्' मग़'हूहू वज-अल्हु लना सा-इदन फ़ी रिज़”वानिका युन'मा फ़ी
हसना'तिना व तफ़'ज़ीलिना व सूदा'दिना व शरा'फिना व मज' दिना ना’-मा-इना व करा'मतिना
फिद दुन्या वल आखिरह व ला तन'क़ुस’ मिन हसना'तिना अल्ल्लाहुम्मा व मा आ’-तय'तना
मिन अ’त’आ-इन औ फ़ज”ज़”अल्तना बिही मिन फ़ज़ी'लातिन औ अकरम'तना बिही
मिन करामतीं फ़-आ’-त’इना मा-अहू शुकन्रं
यक़'हरुहू व यद्'मग़'हूहू वज-अल्हु लना सा-इदन फ़ी रिज़”वानिका व फ़ी हसना'तिना व सूदा'दिना व
शरा'फिना व ना’-मा-इका व करा'मातिका फिद दुन्या वल आखिरती व ला तज-अल्हु
लना अशरण व ला बता'रन व ला फीत'नतन व ला मक़'तन व ला अदा'बन व ला खिज़'यन फिद दुन्या
वल आखिरह अलाहुम्मा इन्ना ना-ऊज़ु बिका मिन असरतिल लिसानी व सोऊ-इल
मक़ामी व खिफ्फ़तिल मीज़ान …अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मदीन व आली
मुहम्मद व लक़'कीना हसना'तिना फ़िल ममाती व ला तुरिना आ’-मालना हसरातिन व ला तुख़'जीना इन्दा क़ज़ा-इका
व ला तफ़'ज़ह’ना बिसय्यी-आतिना युमा नल'क़ाका वज-अल क़ुलूबना
तज़’कुरुका व ला तन्साका व तख़'शाका का-अन'नहा ताराका हत्ता नल'क़ाका
व सल्ली अला मुहम्मदीन व आली मुहम्मद व बद'दिल सेई –आतिना हसनातिन वज-अल हसनातिना दराजातिन वज-अल
दराजातिना गुरू'फातीन वज-अल गुरू'फ़ातिना आली'यातिन अल्लाहुम्मा व औसिया’-ली'फ़की'रीना
मिन सा-अति मा क़ज़”यता अला नफ़'सिका अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मदीन
व आली मुहम्मद व मुन्ना अलय्ना बिल-हुद'दा मा अब'कय'तना वल करामाती मा
अहयाय'तना वल करामाती इज़ा तवाफ़'फय्तना वल हिफ्ज़ी फ़ीमा बकिया
मिन उम्रिना वल बरकाती फ़ीमा रज़ाक'तना वल अवनी अला
मा
हम्मल'तना वस सबाती अला मा तव'वक़' तना व ला तू-आखिज़’ना बी'ज़ुल्मिना
व ला तुक़ा'यिस्ना बी' जहलिना व ला तस'तद-रिजना …बि-ख़ता'याना वज-अल
अह्साना मा नाक़ूलू साबितन फ़ी क़ुलू'बिना वज-अल्ना उज़ामा'-अ इनदका व अ'ज़िल'लतन फ़ी अन'फ़ुसिना वन-फ़ा’-ना बीमा
अल'लम'तना व ज़िदना इल्मान नाफ़ी-अन व अ'ऊज़ु बिका मिन क़ल'बिन ला
यख्षा-उ’व मिन अयनिन ला तदमा-उ’व मिन सलातीन ला तुक़'बलु अजिरना मिन सू-इल फ़ितन या वली'यद् दुन्या वल आखीरह
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اَللَّهُمَّ
لاَ
بُدَّ
مِنْ
أَمْرِكَ
وَ
لاَ
بُدَّ
مِنْ
قَدَرِكَ
وَ
لاَ
بُدَّ
مِنْ
قَضَائِكَ
وَ
لاَ
حَوْلَ
وَ
لاَ
قُوَّةَ
إِلاَّ
بِكَ
اللَّهُمَّ فَمَا (كَمَا) قَضَيْتَ عَلَيْنَا مِنْ قَضَاءٍ أَوْ
قَدَّرْتَ عَلَيْنَا مِنْ قَدَرٍ فَأَعْطِنَا مَعَهُ صَبْراً يَقْهَرُهُ وَ
يَدْمَغُهُ
وَ اجْعَلْهُ لَنَا صَاعِداً فِي رِضْوَانِكَ يُنْمِي (يُنْمَى) فِي
حَسَنَاتِنَا وَ تَفْضِيلِنَا وَ سُؤْدَدِنَا
وَ شَرَفِنَا وَ مَجْدِنَا وَ
نَعْمَائِنَا وَ كَرَامَتِنَا فِي الدُّنْيَا وَ الْآخِرَةِ وَ لاَ تَنْقُصْ
مِنْ
حَسَنَاتِنَا
اللَّهُمَّ وَ مَا أَعْطَيْتَنَا مِنْ عَطَاءٍ أَوْ فَضَّلْتَنَا
بِهِ مِنْ فَضِيلَةٍ أَوْ أَكْرَمْتَنَا بِهِ مِنْ كَرَامَةٍ
فَأَعْطِنَا مَعَهُ
شُكْراً يَقْهَرُهُ وَ يَدْمَغُهُ وَ اجْعَلْهُ لَنَا صَاعِداً فِي
رِضْوَانِكَ وَ
فِي حَسَنَاتِنَا
وَ سُؤْدَدِنَا وَ شَرَفِنَا وَ نَعْمَائِكَ (نَعْمَائِنَا) وَ
كَرَامَتِكَ (كَرَامَتِنَا) فِي الدُّنْيَا وَ الْآخِرَةِ
(اللَّهُمَّ)
وَ لاَ
تَجْعَلْهُ لَنَا أَشَراً وَ لاَ بَطَراً وَ لاَ فِتْنَةً وَ لاَ مَقْتاً
وَ لاَ
عَذَاباً وَ لاَ خِزْياً فِي الدُّنْيَا وَ الْآخِرَةِ
اللَّهُمَّ إِنَّا
نَعُوذُ بِكَ مِنْ عَثْرَةِ اللِّسَانِ وَ سُوءِ الْمَقَامِ وَ خِفَّةِ
الْمِيزَانِ
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ وَ لَقِّنَا
حَسَنَاتِنَا فِي الْمَمَاتِ وَ لاَ تُرِنَا أَعْمَالَنَا حَسَرَاتٍ
وَ لاَ
تُخْزِنَا عِنْدَ قَضَائِكَ وَ لاَ تَفْضَحْنَا بِسَيِّئَاتِنَا يَوْمَ
نَلْقَاكَ
وَ اجْعَلْ قُلُوبَنَا تَذْكُرُكَ وَ لاَ تَنْسَاكَ وَ تَخْشَاكَ
كَأَنَّهَا تَرَاكَ حَتَّى نَلْقَاكَ وَ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ
مُحَمَّدٍ
وَ بَدِّلْ سَيِّئَاتِنَا حَسَنَاتٍ وَ اجْعَلْ حَسَنَاتِنَا
دَرَجَاتٍ وَ اجْعَلْ دَرَجَاتِنَا غُرُفَاتٍ وَ اجْعَلْ غُرُفَاتِنَا
عَالِيَاتٍ
اللَّهُمَّ وَ أَوْسِعْ لِفَقِيرِنَا مِنْ سَعَةِ مَا قَضَيْتَ
عَلَى نَفْسِكَ
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ وَ مُنَّ
عَلَيْنَا بِالْهُدَى مَا أَبْقَيْتَنَا
وَ الْكَرَامَةِ مَا أَحْيَيْتَنَا وَ
الْكَرَامَةِ (وَ الْمَغْفِرَةِ) إِذَا تَوَفَّيْتَنَا وَ الْحِفْظِ فِيمَا
بَقِيَ
مِنْ عُمُرِنَا
وَ الْبَرَكَةِ فِيمَا رَزَقْتَنَا وَ الْعَوْنِ عَلَى مَا
حَمَّلْتَنَا وَ الثَّبَاتِ عَلَى مَا طَوَّقْتَنَا
وَ لاَ تُؤَاخِذْنَا
بِظُلْمِنَا وَ لاَ تُقَايِسْنَا بِجَهْلِنَا وَ لاَ تَسْتَدْرِجْنَا
بِخَطَايَانَا
وَ اجْعَلْ أَحْسَنَ مَا نَقُولُ ثَابِتاً فِي قُلُوبِنَا
وَ اجْعَلْنَا
عُظَمَاءَ عِنْدَكَ وَ أَذِلَّةً فِي أَنْفُسِنَا وَ انْفَعْنَا بِمَا
عَلَّمْتَنَا
وَ زِدْنَا عِلْماً نَافِعاً
وَ أَعُوذُ بِكَ مِنْ قَلْبٍ لاَ يَخْشَعُ وَ مِنْ
عَيْنٍ لاَ تَدْمَعُ وَ مِنْ صَلاَةٍ لاَ تُقْبَلُ
أَجِرْنَا مِنْ سُوءِ
الْفِتَنِ يَا وَلِيَّ الدُّنْيَا وَ الْآخِرَة
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ईमाम अली (अ:स) की ईद-ए-ग़दीर के
दिन की ज़्यारत - 1 |
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السَّلاَمُ
عَلَى
مُحَمَّدٍ
رَسُولِ
اللَّهِ
خَاتَمِ
النَّبِيِّينَ
وَ
سَيِّدِ
الْمُرْسَلِينَ
وَ
صَفْوَةِ
رَبِّ
الْعَالَمِينَ
أَمِينِ اللَّهِ عَلَى وَحْيِهِ وَ عَزَائِمِ أَمْرِهِ وَ
الْخَاتِمِ لِمَا سَبَقَ وَ الْفَاتِحِ لِمَا اسْتُقْبِلَ
وَ الْمُهَيْمِنِ
عَلَى ذَلِكَ كُلِّهِ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ وَ صَلَوَاتُهُ
وَ
تَحِيَّاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَى أَنْبِيَاءِ اللَّهِ وَ رُسُلِهِ وَ
مَلاَئِكَتِهِ الْمُقَرَّبِينَ وَ عِبَادِهِ الصَّالِحِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ
يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ وَ سَيِّدَ الْوَصِيِّينَ وَ وَارِثَ عِلْمِ
النَّبِيِّينَ
وَ وَلِيَّ رَبِّ الْعَالَمِينَ وَ مَوْلاَيَ وَ مَوْلَى
الْمُؤْمِنِينَ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
مَوْلاَيَ يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ يَا أَمِينَ اللَّهِ فِي أَرْضِهِ وَ
سَفِيرَهُ فِي خَلْقِهِ وَ حُجَّتَهُ الْبَالِغَةَ عَلَى عِبَادِهِ
السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا دِينَ اللَّهِ الْقَوِيمَ وَ صِرَاطَهُ الْمُسْتَقِيمَ
السَّلاَمُ
عَلَيْكَ أَيُّهَا النَّبَأُ الْعَظِيمُ الَّذِي هُمْ فِيهِ مُخْتَلِفُونَ
وَ
عَنْهُ يُسْأَلُونَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ آمَنْتَ
بِاللَّهِ وَ هُمْ مُشْرِكُونَ وَ صَدَّقْتَ بِالْحَقِّ وَ هُمْ
مُكَذِّبُونَ
وَ جَاهَدْتَ (فِي اللَّهِ) وَ هُمْ مُحْجِمُونَ
(مُجْمِحُونَ)
وَ عَبَدْتَ اللَّهَ مُخْلِصاً لَهُ الدِّينَ صَابِراً
مُحْتَسِباً حَتَّى أَتَاكَ الْيَقِينُ أَلاَ لَعْنَةُ اللَّهِ عَلَى
الظَّالِمِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا سَيِّدَ الْمُسْلِمِينَ وَ يَعْسُوبَ
الْمُؤْمِنِينَ وَ إِمَامَ الْمُتَّقِينَ وَ قَائِدَ الْغُرِّ
الْمُحَجَّلِينَ وَ
رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
أَشْهَدُ أَنَّكَ أَخُو رَسُولِ اللَّهِ وَ
وَصِيُّهُ وَ وَارِثُ عِلْمِهِ وَ أَمِينُهُ عَلَى شَرْعِهِ
وَ خَلِيفَتُهُ فِي
أُمَّتِهِ وَ أَوَّلُ مَنْ آمَنَ بِاللَّهِ وَ صَدَّقَ بِمَا أُنْزِلَ
عَلَى
نَبِيِّهِ
وَ أَشْهَدُ أَنَّهُ قَدْ بَلَّغَ عَنِ اللَّهِ مَا أَنْزَلَهُ فِيكَ
فَصَدَعَ بِأَمْرِهِ
وَ أَوْجَبَ عَلَى أُمَّتِهِ فَرْضَ طَاعَتِكَ وَ
وِلاَيَتِكَ وَ عَقَدَ عَلَيْهِمُ الْبَيْعَةَ لَكَ
وَ جَعَلَكَ أَوْلَى
بِالْمُؤْمِنِينَ مِنْ أَنْفُسِهِمْ كَمَا جَعَلَهُ اللَّهُ كَذَلِكَ ثُمَّ
أَشْهَدَ اللَّهَ تَعَالَى عَلَيْهِمْ
فَقَالَ أَ لَسْتُ قَدْ بَلَّغْتُ
فَقَالُوا اللَّهُمَّ بَلَى فَقَالَ اللَّهُمَّ اشْهَدْ وَ كَفَى بِكَ
شَهِيداً وَ
حَاكِماً بَيْنَ الْعِبَادِ
فَلَعَنَ اللَّهُ جَاحِدَ وِلاَيَتِكَ بَعْدَ
الْإِقْرَارِ وَ نَاكِثَ عَهْدِكَ بَعْدَ الْمِيثَاقِ وَ أَشْهَدُ أَنَّكَ
وَفَيْتَ
بِعَهْدِ اللَّهِ تَعَالَى
وَ أَنَّ اللَّهَ تَعَالَى مُوفٍ لَكَ بِعَهْدِهِ وَ
مَنْ أَوْفَى بِمَا عَاهَدَ عَلَيْهِ اللَّهَ فَسَيُؤْتِيهِ أَجْراً
عَظِيماً
وَ
أَشْهَدُ أَنَّكَ أَمِيرُ الْمُؤْمِنِينَ الْحَقُّ الَّذِي نَطَقَ
بِوِلاَيَتِكَ
التَّنْزِيلُ وَ أَخَذَ لَكَ الْعَهْدَ عَلَى الْأُمَّةِ بِذَلِكَ
الرَّسُولُ
وَ أَشْهَدُ أَنَّكَ وَ عَمَّكَ وَ أَخَاكَ الَّذِينَ تَاجَرْتُمُ
اللَّهَ بِنُفُوسِكُمْ فَأَنْزَلَ اللَّهُ فِيكُمْ
إِنَّ اللَّهَ اشْتَرَى مِنَ
الْمُؤْمِنِينَ أَنْفُسَهُمْ وَ أَمْوَالَهُمْ بِأَنَّ لَهُمُ الْجَنَّةَ
يُقَاتِلُونَ فِي سَبِيلِ اللَّهِ فَيَقْتُلُونَ وَ يُقْتَلُونَ
وَعْداً
عَلَيْهِ حَقّاً فِي التَّوْرَيةِ وَ الْإِنْجِيلِ وَ الْقُرْآنِ
وَ مَنْ
أَوْفَى بِعَهْدِهِ مِنَ اللَّهِ فَاسْتَبْشِرُوا بِبَيْعِكُمُ الَّذِي
بَايَعْتُمْ
بِهِ وَ ذَلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ
التَّائِبُونَ الْعَابِدُونَ
الْحَامِدُونَ السَّائِحُونَ الرَّاكِعُونَ السَّاجِدُونَ
الْآمِرُونَ
بِالْمَعْرُوفِ وَ النَّاهُونَ عَنِ الْمُنْكَرِ وَ الْحَافِظُونَ لِحُدُودِ
اللَّهِ وَ بَشِّرِ الْمُؤْمِنِينَ
أَشْهَدُ يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ أَنَّ
الشَّاكَّ فِيكَ مَا آمَنَ بِالرَّسُولِ الْأَمِينِ
وَ أَنَّ الْعَادِلَ بِكَ
غَيْرَكَ عَانِدٌ (عَادِلٌ) عَنِ الدِّينِ الْقَوِيمِ الَّذِي ارْتَضَاهُ
لَنَا
رَبُّ الْعَالَمِينَ وَ أَكْمَلَهُ بِوِلاَيَتِكَ يَوْمَ الْغَدِيرِ
وَ أَشْهَدُ
أَنَّكَ الْمَعْنِيُّ بِقَوْلِ الْعَزِيزِ الرَّحِيمِ
وَ أَنَّ هَذَا صِرَاطِي
مُسْتَقِيماً فَاتَّبِعُوهُ وَ لاَ تَتَّبِعُوا السُّبُلَ فَتَفَرَّقَ
بِكُمْ عَنْ
سَبِيلِهِ
ضَلَّ وَ اللَّهِ وَ أَضَلَّ مَنِ اتَّبَعَ سِوَاكَ وَ عَنَدَ عَنِ
الْحَقِّ مَنْ عَادَاكَ
اللَّهُمَّ سَمِعْنَا لِأَمْرِكَ وَ أَطَعْنَا وَ
اتَّبَعْنَا صِرَاطَكَ الْمُسْتَقِيمَ
فَاهْدِنَا رَبَّنَا وَ لاَ تُزِغْ
قُلُوبَنَا بَعْدَ إِذْ هَدَيْتَنَا إِلَى طَاعَتِكَ وَ اجْعَلْنَا مِنَ
الشَّاكِرِينَ لِأَنْعُمِكَ
وَ أَشْهَدُ أَنَّكَ لَمْ تَزَلْ لِلْهَوَى
مُخَالِفاً وَ لِلتُّقَى مُحَالِفاً وَ عَلَى كَظْمِ الْغَيْظِ قَادِراً
وَ عَنِ
النَّاسِ عَافِياً غَافِراً وَ إِذَا عُصِيَ اللَّهُ سَاخِطاً وَ إِذَا
أُطِيعَ
اللَّهُ رَاضِياً وَ بِمَا عَهِدَ إِلَيْكَ عَامِلاً
رَاعِياً لِمَا
اسْتُحْفِظْتَ حَافِظاً لِمَا اسْتُودِعْتَ مُبَلِّغاً مَا حُمِّلْتَ
مُنْتَظِراً
مَا وُعِدْتَ
وَ أَشْهَدُ أَنَّكَ مَا اتَّقَيْتَ ضَارِعاً وَ لاَ أَمْسَكْتَ
عَنْ حَقِّكَ جَازِعاً وَ لاَ أَحْجَمْتَ عَنْ مُجَاهَدَةِ غَاصِبِيكَ (عَاصِيكَ)
نَاكِلاً
وَ لاَ أَظْهَرْتَ الرِّضَى بِخِلاَفِ مَا يُرْضِي اللَّهَ مُدَاهِناً
وَ لاَ وَهَنْتَ لِمَا أَصَابَكَ فِي سَبِيلِ اللَّهِ
وَ لاَ ضَعُفْتَ وَ لاَ
اسْتَكَنْتَ عَنْ طَلَبِ حَقِّكَ مُرَاقِباً مَعَاذَ اللَّهِ أَنْ تَكُونَ
كَذَلِكَ
بَلْ إِذْ ظُلِمْتَ احْتَسَبْتَ رَبَّكَ وَ فَوَّضْتَ إِلَيْهِ
أَمْرَكَ
وَ ذَكَّرْتَهُمْ فَمَا ادَّكَرُوا وَ وَعَظْتَهُمْ فَمَا اتَّعَظُوا
وَ خَوَّفْتَهُمُ اللَّهَ فَمَا تَخَوَّفُوا
وَ أَشْهَدُ أَنَّكَ يَا أَمِيرَ
الْمُؤْمِنِينَ جَاهَدْتَ فِي اللَّهِ حَقَّ جِهَادِهِ حَتَّى دَعَاكَ
اللَّهُ
إِلَى جِوَارِهِ وَ قَبَضَكَ إِلَيْهِ بِاخْتِيَارِهِ
وَ أَلْزَمَ أَعْدَاءَكَ
الْحُجَّةَ بِقَتْلِهِمْ إِيَّاكَ لِتَكُونَ الْحُجَّةُ لَكَ عَلَيْهِمْ
مَعَ مَا
لَكَ مِنَ الْحُجَجِ الْبَالِغَةِ عَلَى جَمِيعِ خَلْقِهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ
يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ عَبَدْتَ اللَّهَ مُخْلِصاً وَ جَاهَدْتَ فِي
اللَّهِ
صَابِراً وَ جُدْتَ بِنَفْسِكَ مُحْتَسِباً
وَ عَمِلْتَ بِكِتَابِهِ وَ
اتَّبَعْتَ سُنَّةَ نَبِيِّهِ وَ أَقَمْتَ الصَّلاَةَ وَ آتَيْتَ الزَّكَاةَ
وَ
أَمَرْتَ بِالْمَعْرُوفِ وَ نَهَيْتَ عَنِ الْمُنْكَرِ مَا اسْتَطَعْتَ
مُبْتَغِياً
مَا عِنْدَ اللَّهِ رَاغِباً فِيمَا وَعَدَ اللَّهُ
لاَ تَحْفِلُ
بِالنَّوَائِبِ وَ لاَ تَهِنُ عِنْدَ الشَّدَائِدِ وَ لاَ تَحْجِمُ عَنْ
مُحَارِبٍ
أَفِكَ مَنْ نَسَبَ غَيْرَ ذَلِكَ إِلَيْكَ وَ افْتَرَى بَاطِلاً
عَلَيْكَ وَ أَوْلَى لِمَنْ عَنَدَ عَنْكَ
لَقَدْ جَاهَدْتَ فِي اللَّهِ حَقَّ
الْجِهَادِ وَ صَبَرْتَ عَلَى الْأَذَى صَبْرَ احْتِسَابٍ
وَ أَنْتَ أَوَّلُ
مَنْ آمَنَ بِاللَّهِ وَ صَلَّى لَهُ وَ جَاهَدَ وَ أَبْدَى صَفْحَتَهُ فِي
دَارِ
الشِّرْكِ
وَ الْأَرْضُ مَشْحُونَةٌ ضَلاَلَةً وَ الشَّيْطَانُ يُعْبَدُ
جَهْرَةً
وَ أَنْتَ الْقَائِلُ لاَ تَزِيدُنِي كَثْرَةُ النَّاسِ حَوْلِي
عِزَّةً وَ لاَ تَفَرُّقُهُمْ عَنِّي وَحْشَةً
وَ لَوْ أَسْلَمَنِي النَّاسُ
جَمِيعاً لَمْ أَكُنْ مُتَضَرِّعاً
اعْتَصَمْتَ بِاللَّهِ فَعَزَزْتَ وَ آثَرْتَ
الْآخِرَةَ عَلَى الْأُولَى فَزَهِدْتَ وَ أَيَّدَكَ اللَّهُ وَ هَدَاكَ وَ
أَخْلَصَكَ وَ اجْتَبَاكَ
فَمَا تَنَاقَضَتْ أَفْعَالُكَ وَ لاَ اخْتَلَفَتْ
أَقْوَالُكَ وَ لاَ تَقَلَّبَتْ أَحْوَالُكَ
وَ لاَ ادَّعَيْتَ وَ لاَ
افْتَرَيْتَ عَلَى اللَّهِ كَذِباً وَ لاَ شَرِهْتَ إِلَى الْحُطَامِ وَ لاَ
دَنَّسَكَ الْآثَامُ
وَ لَمْ تَزَلْ عَلَى بَيِّنَةٍ مِنْ رَبِّكَ وَ يَقِينٍ
مِنْ أَمْرِكَ تَهْدِي إِلَى الْحَقِّ وَ إِلَى صِرَاطٍ مُسْتَقِيمٍ
أَشْهَدُ
شَهَادَةَ حَقٍّ وَ أُقْسِمُ بِاللَّهِ قَسَمَ صِدْقٍ أَنَّ مُحَمَّداً وَ
آلَهُ
صَلَوَاتُ اللَّهِ عَلَيْهِمْ سَادَاتُ الْخَلْقِ
وَ أَنَّكَ مَوْلاَيَ وَ
مَوْلَى الْمُؤْمِنِينَ وَ أَنَّكَ عَبْدُ اللَّهِ وَ وَلِيُّهُ وَ أَخُو
الرَّسُولِ وَ وَصِيُّهُ وَ وَارِثُهُ
وَ أَنَّهُ الْقَائِلُ لَكَ وَ الَّذِي
بَعَثَنِي بِالْحَقِّ مَا آمَنَ بِي مَنْ كَفَرَ بِكَ
وَ لاَ أَقَرَّ بِاللَّهِ
مَنْ جَحَدَكَ وَ قَدْ ضَلَّ مَنْ صَدَّ عَنْكَ
وَ لَمْ يَهْتَدِ إِلَى اللَّهِ
وَ لاَ إِلَيَّ مَنْ لاَ يَهْتَدِي بِكَ وَ هُوَ قَوْلُ رَبِّي عَزَّ وَ
جَلَ
وَ إِنِّي لَغَفَّارٌ لِمَنْ تَابَ وَ آمَنَ وَ عَمِلَ صَالِحاً ثُمَّ
اهْتَدَى إِلَى وِلاَيَتِكَ
مَوْلاَيَ فَضْلُكَ لاَ يَخْفَى وَ نُورُكَ لاَ
يُطْفَأُ (لاَ يُطْفَى) وَ أَنَّ مَنْ جَحَدَكَ الظَّلُومُ
الْأَشْقَى
مَوْلاَيَ أَنْتَ الْحُجَّةُ عَلَى الْعِبَادِ وَ الْهَادِي إِلَى
الرَّشَادِ وَ الْعُدَّةُ لِلْمَعَادِ
مَوْلاَيَ لَقَدْ رَفَعَ اللَّهُ فِي
الْأُولَى مَنْزِلَتَكَ وَ أَعْلَى فِي الْآخِرَةِ دَرَجَتَكَ
وَ بَصَّرَكَ مَا
عَمِيَ عَلَى مَنْ خَالَفَكَ وَ حَالَ بَيْنَكَ وَ بَيْنَ مَوَاهِبِ اللَّهِ
لَكَ
فَلَعَنَ اللَّهُ مُسْتَحِلِّي الْحُرْمَةِ مِنْكَ وَ ذَائِدِي الْحَقِّ
عَنْكَ
وَ أَشْهَدُ أَنَّهُمُ الْأَخْسَرُونَ الَّذِينَ تَلْفَحُ وُجُوهَهُمُ
النَّارُ وَ هُمْ فِيهَا كَالِحُونَ
وَ أَشْهَدُ أَنَّكَ مَا أَقْدَمْتَ وَ لاَ
أَحْجَمْتَ وَ لاَ نَطَقْتَ وَ لاَ أَمْسَكْتَ إِلاَّ بِأَمْرٍ مِنَ اللَّهِ
وَ
رَسُولِهِ
قُلْتَ وَ الَّذِي نَفْسِي بِيَدِهِ لَقَدْ نَظَرَ إِلَيَّ رَسُولُ
اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ أَضْرِبُ بِالسَّيْفِ قُدْماً
فَقَالَ
يَا عَلِيُّ أَنْتَ مِنِّي بِمَنْزِلَةِ هَارُونَ مِنْ مُوسَى إِلاَّ
أَنَّهُ لاَ
نَبِيَّ بَعْدِي
وَ أُعْلِمُكَ أَنَّ مَوْتَكَ وَ حَيَاتَكَ مَعِي وَ عَلَى
سُنَّتِي
فَوَ اللَّهِ مَا كَذِبْتُ وَ لاَ كُذِبْتُ وَ لاَ ضَلَلْتُ وَ لاَ
ضُلَّ بِي وَ لاَ نَسِيتُ مَا عَهِدَ إِلَيَّ رَبِّي
وَ إِنِّي لَعَلَى
بَيِّنَةٍ مِنْ رَبِّي بَيَّنَهَا لِنَبِيِّهِ وَ بَيَّنَهَا النَّبِيُّ
لِي وَ
إِنِّي لَعَلَى الطَّرِيقِ الْوَاضِحِ أَلْفِظُهُ لَفْظاً
صَدَقْتَ وَ اللَّهِ
وَ قُلْتَ الْحَقَّ فَلَعَنَ اللَّهُ مَنْ سَاوَاكَ بِمَنْ نَاوَاكَ وَ
اللَّهُ
جَلَّ اسْمُهُ يَقُولُ
هَلْ يَسْتَوِي الَّذِينَ يَعْلَمُونَ وَ الَّذِينَ لاَ
يَعْلَمُونَ
فَلَعَنَ اللَّهُ مَنْ عَدَلَ بِكَ مَنْ فَرَضَ اللَّهُ عَلَيْهِ
وِلاَيَتَكَ
وَ أَنْتَ وَلِيُّ اللَّهِ وَ أَخُو رَسُولِهِ وَ الذَّابُّ عَنْ
دِينِهِ وَ الَّذِي نَطَقَ الْقُرْآنُ بِتَفْضِيلِهِ
قَالَ اللَّهُ تَعَالَى وَ
فَضَّلَ اللَّهُ الْمُجَاهِدِينَ عَلَى الْقَاعِدِينَ أَجْراً
عَظِيماً
دَرَجَاتٍ مِنْهُ وَ مَغْفِرَةً وَ رَحْمَةً وَ كَانَ اللَّهُ غَفُوراً
رَحِيماً
وَ قَالَ اللَّهُ تَعَالَى أَ جَعَلْتُمْ سِقَايَةَ الْحَاجِّ وَ
عِمَارَةَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ كَمَنْ آمَنَ بِاللَّهِ وَ الْيَوْمِ
الْآخِرِ
وَ جَاهَدَ فِي سَبِيلِ اللَّهِ لاَ يَسْتَوُونَ عِنْدَ اللَّهِ وَ
اللَّهُ لاَ يَهْدِي الْقَوْمَ الظَّالِمِينَ
الَّذِينَ آمَنُوا وَ هَاجَرُوا
وَ جَاهَدُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ بِأَمْوَالِهِمْ وَ أَنْفُسِهِمْ أَعْظَمُ
دَرَجَةً عِنْدَ اللَّهِ وَ أُولَئِكَ هُمُ الْفَائِزُونَ
يُبَشِّرُهُمْ
رَبُّهُمْ بِرَحْمَةٍ مِنْهُ وَ رِضْوَانٍ وَ جَنَّاتٍ لَهُمْ فِيهَا
نَعِيمٌ
مُقِيمٌ خَالِدِينَ فِيهَا أَبَداً إِنَّ اللَّهَ عِنْدَهُ أَجْرٌ
عَظِيمٌ
أَشْهَدُ أَنَّكَ الْمَخْصُوصُ بِمِدْحَةِ اللَّهِ الْمُخْلِصُ
لِطَاعَةِ اللَّهِ لَمْ تَبْغِ بِالْهُدَى بَدَلاً وَ لَمْ تُشْرِكْ
بِعِبَادَةِ
رَبِّكَ أَحَداً
وَ أَنَّ اللَّهَ تَعَالَى اسْتَجَابَ لِنَبِيِّهِ صَلَّى
اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ فِيكَ دَعْوَتَهُ
ثُمَّ أَمَرَهُ بِإِظْهَارِ مَا
أَوْلاَكَ لِأُمَّتِهِ إِعْلاَءً لِشَأْنِكَ وَ إِعْلاَناً لِبُرْهَانِكَ
وَ
دَحْضاً لِلْأَبَاطِيلِ وَ قَطْعاً لِلْمَعَاذِيرِ
فَلَمَّا أَشْفَقَ مِنْ
فِتْنَةِ الْفَاسِقِينَ وَ اتَّقَى فِيكَ الْمُنَافِقِينَ أَوْحَى إِلَيْهِ
رَبُّ
الْعَالَمِينَ
يَا أَيُّهَا الرَّسُولُ بَلِّغْ مَا أُنْزِلَ إِلَيْكَ مِنْ
رَبِّكَ وَ إِنْ لَمْ تَفْعَلْ فَمَا بَلَّغْتَ رِسَالَتَهُ وَ اللَّهُ
يَعْصِمُكَ
مِنَ النَّاسِ
فَوَضَعَ عَلَى نَفْسِهِ أَوْزَارَ الْمَسِيرِ وَ نَهَضَ فِي
رَمْضَاءِ الْهَجِيرِ فَخَطَبَ وَ أَسْمَعَ وَ نَادَى فَأَبْلَغَ
ثُمَّ
سَأَلَهُمْ أَجْمَعَ فَقَالَ هَلْ بَلَّغْتُ فَقَالُوا اللَّهُمَّ بَلَى
فَقَالَ
اللَّهُمَّ اشْهَدْ
ثُمَّ قَالَ أَ لَسْتُ أَوْلَى بِالْمُؤْمِنِينَ مِنْ
أَنْفُسِهِمْ فَقَالُوا بَلَى فَأَخَذَ بِيَدِكَ وَ قَالَ مَنْ كُنْتُ
مَوْلاَهُ
فَهَذَا عَلِيٌّ مَوْلاَهُ
اللَّهُمَّ وَالِ مَنْ وَالاَهُ وَ عَادِ مَنْ
عَادَاهُ وَ انْصُرْ مَنْ نَصَرَهُ وَ اخْذُلْ مَنْ خَذَلَهُ
فَمَا آمَنَ بِمَا
أَنْزَلَ اللَّهُ فِيكَ عَلَى نَبِيِّهِ إِلاَّ قَلِيلٌ وَ لاَ زَادَ
أَكْثَرَهُمْ
غَيْرَ تَخْسِيرٍ
وَ لَقَدْ أَنْزَلَ اللَّهُ تَعَالَى فِيكَ مِنْ قَبْلُ وَ
هُمْ كَارِهُونَ
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا مَنْ يَرْتَدَّ مِنْكُمْ عَنْ
دِينِهِ فَسَوْفَ يَأْتِي اللَّهُ بِقَوْمٍ يُحِبُّهُمْ وَ
يُحِبُّونَهُ
أَذِلَّةٍ عَلَى الْمُؤْمِنِينَ أَعِزَّةٍ عَلَى الْكَافِرِينَ
يُجَاهِدُونَ فِي سَبِيلِ اللَّهِ وَ لاَ يَخَافُونَ لَوْمَةَ لاَئِمٍ
ذَلِكَ
فَضْلُ اللَّهِ يُؤْتِيهِ مَنْ يَشَاءُ وَ اللَّهُ وَاسِعٌ عَلِيمٌ
إِنَّمَا
وَلِيُّكُمُ اللَّهُ وَ رَسُولُهُ وَ الَّذِينَ آمَنُوا الَّذِينَ
يُقِيمُونَ
الصَّلاَةَ وَ يُؤْتُونَ الزَّكَاةَ وَ هُمْ رَاكِعُونَ
وَ مَنْ يَتَوَلَّ
اللَّهَ وَ رَسُولَهُ وَ الَّذِينَ آمَنُوا فَإِنَّ حِزْبَ اللَّهِ هُمُ
الْغَالِبُونَ
رَبَّنَا آمَنَّا بِمَا أَنْزَلْتَ وَ اتَّبَعْنَا الرَّسُولَ
فَاكْتُبْنَا مَعَ الشَّاهِدِينَ
رَبَّنَا لاَ تُزِغْ قُلُوبَنَا بَعْدَ إِذْ
هَدَيْتَنَا وَ هَبْ لَنَا مِنْ لَدُنْكَ رَحْمَةً إِنَّكَ أَنْتَ
الْوَهَّابُ
اَللَّهُمَّ إِنَّا نَعْلَمُ أَنَّ هَذَا هُوَ الْحَقُّ مِنْ
عِنْدِكَ فَالْعَنْ مَنْ عَارَضَهُ وَ اسْتَكْبَرَ وَ كَذَّبَ بِهِ وَ
كَفَرَ
وَ
سَيَعْلَمُ الَّذِينَ ظَلَمُوا أَيَّ مُنْقَلَبٍ يَنْقَلِبُونَ
السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ وَ سَيِّدَ الْوَصِيِّينَ وَ أَوَّلَ
الْعَابِدِينَ
وَ أَزْهَدَ الزَّاهِدِينَ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
وَ صَلَوَاتُهُ وَ تَحِيَّاتُهُ
أَنْتَ مُطْعِمُ الطَّعَامِ عَلَى حُبِّهِ
مِسْكِيناً وَ يَتِيماً وَ أَسِيراً لِوَجْهِ اللَّهِ لاَ تُرِيدُ مِنْهُمْ
جَزَاءً
وَ لاَ شُكُوراً
وَ فِيكَ أَنْزَلَ اللَّهُ تَعَالَى وَ يُؤْثِرُونَ عَلَى
أَنْفُسِهِمْ وَ لَوْ كَانَ بِهِمْ خَصَاصَةٌ
وَ مَنْ يُوقَ شُحَّ نَفْسِهِ
فَأُولَئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ
وَ أَنْتَ الْكَاظِمُ لِلْغَيْظِ وَ الْعَافِي
عَنِ النَّاسِ وَ اللَّهُ يُحِبُّ الْمُحْسِنِينَ
وَ أَنْتَ الصَّابِرُ فِي
الْبَأْسَاءِ وَ الضَّرَّاءِ وَ حِينَ الْبَأْسِ
وَ أَنْتَ الْقَاسِمُ
بِالسَّوِيَّةِ وَ الْعَادِلُ فِي الرَّعِيَّةِ وَ الْعَالِمُ بِحُدُودِ
اللَّهِ
مِنْ جَمِيعِ الْبَرِيَّةِ
وَ اللَّهُ تَعَالَى أَخْبَرَ عَمَّا أَوْلاَكَ مِنْ
فَضْلِهِ بِقَوْلِهِ أَ فَمَنْ كَانَ مُؤْمِناً كَمَنْ كَانَ فَاسِقاً لاَ
يَسْتَوُونَ
أَمَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَ عَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَلَهُمْ
جَنَّاتُ الْمَأْوَى نُزُلاً بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ
وَ أَنْتَ الْمَخْصُوصُ
بِعِلْمِ التَّنْزِيلِ وَ حُكْمِ التَّأْوِيلِ وَ نَصِّ الرَّسُولِ
وَ لَكَ
الْمَوَاقِفُ الْمَشْهُودَةُ وَ الْمَقَامَاتُ الْمَشْهُورَةُ
وَ الْأَيَّامُ
الْمَذْكُورَةُ يَوْمَ بَدْرٍ وَ يَوْمَ الْأَحْزَابِ
إِذْ زَاغَتِ
الْأَبْصَارُ وَ بَلَغَتِ الْقُلُوبُ الْحَنَاجِرَ وَ تَظُنُّونَ بِاللَّهِ
الظُّنُونَا
هُنَالِكَ ابْتُلِيَ الْمُؤْمِنُونَ وَ زُلْزِلُوا زِلْزَالاً
شَدِيداً
وَ إِذْ يَقُولُ الْمُنَافِقُونَ وَ الَّذِينَ فِي قُلُوبِهِمْ مَرَضٌ
مَا وَعَدَنَا اللَّهُ وَ رَسُولُهُ إِلاَّ غُرُوراً
وَ إِذْ قَالَتْ طَائِفَةٌ
مِنْهُمْ يَا أَهْلَ يَثْرِبَ لاَ مُقَامَ لَكُمْ فَارْجِعُوا
وَ يَسْتَأْذِنُ
فَرِيقٌ مِنْهُمُ النَّبِيَّ يَقُولُونَ إِنَّ بُيُوتَنَا عَوْرَةٌ وَ مَا
هِيَ
بِعَوْرَةٍ إِنْ يُرِيدُونَ إِلاَّ فِرَاراً
وَ قَالَ اللَّهُ تَعَالَى وَ
لَمَّا رَأَى الْمُؤْمِنُونَ الْأَحْزَابَ قَالُوا هَذَا مَا وَعَدَنَا
اللَّهُ وَ
رَسُولُهُ
وَ صَدَقَ اللَّهُ وَ رَسُولُهُ وَ مَا زَادَهُمْ إِلاَّ إِيمَاناً
وَ تَسْلِيماً
فَقَتَلْتَ عَمْرَهُمْ وَ هَزَمْتَ جَمْعَهُمْ وَ رَدَّ اللَّهُ
الَّذِينَ كَفَرُوا بِغَيْظِهِمْ لَمْ يَنَالُوا خَيْراً
وَ كَفَى اللَّهُ
الْمُؤْمِنِينَ الْقِتَالَ وَ كَانَ اللَّهُ قَوِيّاً عَزِيزاً
وَ يَوْمَ أُحُدٍ
إِذْ يُصْعِدُونَ وَ لاَ يَلْوُونَ عَلَى أَحَدٍ وَ الرَّسُولُ يَدْعُوهُمْ
فِي
أُخْرَاهُمْ
وَ أَنْتَ تَذُودُ بُهَمَ الْمُشْرِكِينَ عَنِ النَّبِيِّ ذَاتَ
الْيَمِينِ وَ ذَاتَ الشِّمَالِ
حَتَّى رَدَّهُمُ اللَّهُ تَعَالَى عَنْكُمَا
خَائِفِينَ وَ نَصَرَ بِكَ الْخَاذِلِينَ
وَ يَوْمَ حُنَيْنٍ عَلَى مَا نَطَقَ
بِهِ التَّنْزِيلُ إِذْ أَعْجَبَتْكُمْ كَثْرَتُكُمْ فَلَمْ تُغْنِ عَنْكُمْ
شَيْئًا
وَ ضَاقَتْ عَلَيْكُمُ الْأَرْضُ بِمَا رَحُبَتْ ثُمَّ وَلَّيْتُمْ
مُدْبِرِينَ
ثُمَّ أَنْزَلَ اللَّهُ سَكِينَتَهُ عَلَى رَسُولِهِ وَ عَلَى
الْمُؤْمِنِينَ
وَ الْمُؤْمِنُونَ أَنْتَ وَ مَنْ يَلِيكَ وَ عَمُّكَ
الْعَبَّاسُ يُنَادِي الْمُنْهَزِمِينَ يَا أَصْحَابَ سُورَةِ الْبَقَرَةِ
يَا
أَهْلَ بَيْعَةِ الشَّجَرَةِ حَتَّى اسْتَجَابَ لَهُ قَوْمٌ قَدْ
كَفَيْتَهُمُ
الْمَئُونَةَ
وَ تَكَفَّلْتَ دُونَهُمُ الْمَعُونَةَ فَعَادُوا آيِسِينَ مِنَ
الْمَثُوبَةِ رَاجِينَ وَعْدَ اللَّهِ تَعَالَى بِالتَّوْبَةِ وَ ذَلِكَ
قَوْلُ
اللَّهِ جَلَّ ذِكْرُهُ
ثُمَّ يَتُوبُ اللَّهُ مِنْ بَعْدِ ذَلِكَ عَلَى مَنْ
يَشَاءُ وَ أَنْتَ حَائِزٌ دَرَجَةَ الصَّبْرِ فَائِزٌ بِعَظِيمِ الْأَجْرِ
وَ
يَوْمَ خَيْبَرَ إِذْ أَظْهَرَ اللَّهُ خَوَرَ الْمُنَافِقِينَ وَ قَطَعَ
دَابِرَ
الْكَافِرِينَ وَ الْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ
وَ لَقَدْ كَانُوا
عَاهَدُوا اللَّهَ مِنْ قَبْلُ لاَ يُوَلُّونَ الْأَدْبَارَ وَ كَانَ عَهْدُ
اللَّهِ مَسْئُولاً
مَوْلاَيَ أَنْتَ الْحُجَّةُ الْبَالِغَةُ وَ الْمَحَجَّةُ
الْوَاضِحَةُ وَ النِّعْمَةُ السَّابِغَةُ وَ الْبُرْهَانُ
الْمُنِيرُ
فَهَنِيئاً لَكَ بِمَا آتَاكَ اللَّهُ مِنْ فَضْلٍ وَ تَبّاً
لِشَانِئِكَ ذِي الْجَهْلِ
شَهِدْتَ مَعَ النَّبِيِّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ
وَ آلِهِ جَمِيعَ حُرُوبِهِ وَ مَغَازِيهِ
تَحْمِلُ الرَّايَةَ أَمَامَهُ وَ
تَضْرِبُ بِالسَّيْفِ قُدَّامَهُ
ثُمَّ لِحَزْمِكَ الْمَشْهُورِ وَ بَصِيرَتِكَ
فِي الْأُمُورِ أَمَّرَكَ فِي الْمَوَاطِنِ وَ لَمْ يَكُنْ عَلَيْكَ أَمِيرٌ
وَ
كَمْ مِنْ أَمْرٍ صَدَّكَ عَنْ إِمْضَاءِ عَزْمِكَ فِيهِ التُّقَى وَ
اتَّبَعَ
غَيْرُكَ فِي مِثْلِهِ الْهَوَى
فَظَنَّ الْجَاهِلُونَ أَنَّكَ عَجَزْتَ عَمَّا
إِلَيْهِ انْتَهَى ضَلَّ وَ اللَّهِ الظَّانُّ لِذَلِكَ وَ مَا اهْتَدَى
وَ
لَقَدْ أَوْضَحْتَ مَا أَشْكَلَ مِنْ ذَلِكَ لِمَنْ تَوَهَّمَ وَ امْتَرَى
بِقَوْلِكَ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْكَ
قَدْ يَرَى الْحُوَّلُ الْقُلَّبُ وَجْهَ
الْحِيلَةِ وَ دُونَهَا حَاجِزٌ مِنْ تَقْوَى اللَّهِ
فَيَدَعُهَا رَأْيَ
الْعَيْنِ وَ يَنْتَهِزُ فُرْصَتَهَا مَنْ لاَ حَرِيجَةَ (جَرِيحَةَ) لَهُ
فِي
الدِّينِ
صَدَقْتَ (وَ اللَّهِ) وَ خَسِرَ الْمُبْطِلُونَ وَ إِذْ مَاكَرَكَ
النَّاكِثَانِ فَقَالاَ نُرِيدُ الْعُمْرَةَ
فَقُلْتَ لَهُمَا لَعَمْرُكُمَا مَا
تُرِيدَانِ الْعُمْرَةَ لَكِنْ تُرِيدَانِ الْغَدْرَةَ فَأَخَذْتَ
الْبَيْعَةَ
عَلَيْهِمَا وَ جَدَّدْتَ الْمِيثَاقَ
فَجَدَّا فِي النِّفَاقِ فَلَمَّا
نَبَّهْتَهُمَا عَلَى فِعْلِهِمَا أَغْفَلاَ وَ عَادَا وَ مَا انْتَفَعَا
وَ
كَانَ عَاقِبَةُ أَمْرِهِمَا خُسْراً ثُمَّ تَلاَهُمَا أَهْلُ الشَّامِ
فَسِرْتَ
إِلَيْهِمْ بَعْدَ الْإِعْذَارِ
وَ هُمْ لاَ يَدِينُونَ دِينَ الْحَقِّ وَ لاَ
يَتَدَبَّرُونَ الْقُرْآنَ هَمَجٌ رَعَاعٌ ضَالُّونَ
وَ بِالَّذِي أُنْزِلَ
عَلَى مُحَمَّدٍ فِيكَ كَافِرُونَ وَ لِأَهْلِ الْخِلاَفِ عَلَيْكَ
نَاصِرُونَ
وَ قَدْ أَمَرَ اللَّهُ تَعَالَى بِاتِّبَاعِكَ وَ نَدَبَ
الْمُؤْمِنِينَ إِلَى نَصْرِكَ
وَ قَالَ عَزَّ وَ جَلَّ يَا أَيُّهَا الَّذِينَ
آمَنُوا اتَّقُوا اللَّهَ وَ كُونُوا مَعَ الصَّادِقِينَ
مَوْلاَيَ بِكَ ظَهَرَ
الْحَقُّ وَ قَدْ نَبَذَهُ الْخَلْقُ وَ أَوْضَحْتَ السُّنَنَ بَعْدَ
الدُّرُوسِ وَ
الطَّمْسِ
فَلَكَ سَابِقَةُ الْجِهَادِ عَلَى تَصْدِيقِ التَّنْزِيلِ وَ لَكَ
فَضِيلَةُ الْجِهَادِ عَلَى تَحْقِيقِ التَّأْوِيلِ
وَ عَدُوُّكَ عَدُوُّ
اللَّهِ جَاحِدٌ لِرَسُولِ اللَّهِ يَدْعُو بَاطِلاً وَ يَحْكُمُ جَائِراً
وَ
يَتَأَمَّرُ غَاصِباً وَ يَدْعُو حِزْبَهُ إِلَى النَّارِ
وَ عَمَّارٌ يُجَاهِدُ
وَ يُنَادِي بَيْنَ الصَّفَّيْنِ الرَّوَاحَ الرَّوَاحَ إِلَى الْجَنَّةِ
وَ لَمَّا
اسْتَسْقَى فَسُقِيَ اللَّبَنَ كَبَّرَ وَ قَالَ
قَالَ لِي رَسُولُ اللَّهِ
صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ آخِرُ شَرَابِكَ مِنَ الدُّنْيَا ضَيَاحٌ
مِنْ
لَبَنٍ وَ تَقْتُلُكَ الْفِئَةُ الْبَاغِيَةُ
فَاعْتَرَضَهُ أَبُو الْعَادِيَةِ
الْفَزَارِيُّ فَقَتَلَهُ فَعَلَى أَبِي الْعَادِيَةِ لَعْنَةُ اللَّهِ وَ
لَعْنَةُ
مَلاَئِكَتِهِ وَ رُسُلِهِ أَجْمَعِينَ
وَ عَلَى مَنْ سَلَّ سَيْفَهُ عَلَيْكَ
وَ سَلَلْتَ سَيْفَكَ عَلَيْهِ يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ مِنَ
الْمُشْرِكِينَ وَ
الْمُنَافِقِينَ إِلَى يَوْمِ الدِّينِ
وَ عَلَى مَنْ رَضِيَ بِمَا سَاءَكَ وَ
لَمْ يَكْرَهْهُ وَ أَغْمَضَ عَيْنَهُ وَ لَمْ يُنْكِرْ أَوْ أَعَانَ
عَلَيْكَ
بِيَدٍ أَوْ لِسَانٍ
أَوْ قَعَدَ عَنْ نَصْرِكَ أَوْ خَذَلَ عَنِ الْجِهَادِ
مَعَكَ أَوْ غَمَطَ فَضْلَكَ وَ جَحَدَ حَقَّكَ
أَوْ عَدَلَ بِكَ مَنْ جَعَلَكَ
اللَّهُ أَوْلَى بِهِ مِنْ نَفْسِهِ
وَ صَلَوَاتُ اللَّهِ عَلَيْكَ وَ رَحْمَةُ
اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ وَ سَلاَمُهُ وَ تَحِيَّاتُهُ
وَ عَلَى الْأَئِمَّةِ
مِنْ آلِكَ الطَّاهِرِينَ إِنَّهُ حَمِيدٌ مَجِيدٌ
وَ الْأَمْرُ الْأَعْجَبُ وَ
الْخَطْبُ الْأَفْظَعُ بَعْدَ جَحْدِكَ حَقَّكَ غَصْبُ الصِّدِّيقَةِ
الطَّاهِرَةِ
الزَّهْرَاءِ سَيِّدَةِ النِّسَاءِ فَدَكاً
وَ رَدُّ شَهَادَتِكَ وَ شَهَادَةِ
السَّيِّدَيْنِ سُلاَلَتِكَ وَ عِتْرَةِ الْمُصْطَفَى
صَلَّى اللَّهُ
عَلَيْكُمْ وَ قَدْ أَعْلَى اللَّهُ تَعَالَى عَلَى الْأُمَّةِ دَرَجَتَكُمْ
وَ
رَفَعَ مَنْزِلَتَكُمْ
وَ أَبَانَ فَضْلَكُمْ وَ شَرَّفَكُمْ عَلَى
الْعَالَمِينَ فَأَذْهَبَ عَنْكُمُ الرِّجْسَ وَ طَهَّرَكُمْ تَطْهِيراً
قَالَ
اللَّهُ عَزَّ وَ جَلَّ إِنَّ الْإِنْسَانَ خُلِقَ هَلُوعاً إِذَا مَسَّهُ
الشَّرُّ
جَزُوعاً
وَ إِذَا مَسَّهُ الْخَيْرُ مَنُوعاً إِلاَّ
الْمُصَلِّينَ
فَاسْتَثْنَى اللَّهُ تَعَالَى نَبِيَّهُ الْمُصْطَفَى وَ أَنْتَ
يَا سَيِّدَ الْأَوْصِيَاءِ مِنْ جَمِيعِ الْخَلْقِ
فَمَا أَعْمَهَ مَنْ
ظَلَمَكَ عَنِ الْحَقِّ ثُمَّ أَفْرَضُوكَ سَهْمَ ذَوِي الْقُرْبَى مَكْراً
وَ
أَحَادُوهُ عَنْ أَهْلِهِ جَوْراً فَلَمَّا آلَ الْأَمْرُ إِلَيْكَ
أَجْرَيْتَهُمْ
عَلَى مَا أَجْرَيَا رَغْبَةً عَنْهُمَا بِمَا عِنْدَ اللَّهِ
لَكَ
فَأَشْبَهَتْ مِحْنَتُكَ بِهِمَا مِحَنَ الْأَنْبِيَاءِ عَلَيْهِمُ
السَّلاَمُ عِنْدَ الْوَحْدَةِ وَ عَدَمِ الْأَنْصَارِ
وَ أَشْبَهْتَ فِي
الْبَيَاتِ عَلَى الْفِرَاشِ الذَّبِيحَ عَلَيْهِ السَّلاَمُ
إِذْ أَجَبْتَ
كَمَا أَجَابَ وَ أَطَعْتَ كَمَا أَطَاعَ إِسْمَاعِيلُ صَابِراً
مُحْتَسِباً
إِذْ قَالَ لَهُ يَا بُنَيَّ إِنِّي أَرَى فِي الْمَنَامِ أَنِّي
أَذْبَحُكَ فَانْظُرْ مَا ذَا تَرَى
قَالَ يَا أَبَتِ افْعَلْ مَا تُؤْمَرُ
سَتَجِدُنِي إِنْ شَاءَ اللَّهُ مِنَ الصَّابِرِينَ
وَ كَذَلِكَ أَنْتَ لَمَّا
أَبَاتَكَ النَّبِيُّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ
وَ أَمَرَكَ أَنْ
تَضْجَعَ فِي مَرْقَدِهِ وَاقِياً لَهُ بِنَفْسِكَ أَسْرَعْتَ إِلَى
إِجَابَتِهِ
مُطِيعاً وَ لِنَفْسِكَ عَلَى الْقَتْلِ مُوَطِّناً
فَشَكَرَ اللَّهُ تَعَالَى
طَاعَتَكَ وَ أَبَانَ عَنْ جَمِيلِ فِعْلِكَ بِقَوْلِهِ جَلَّ ذِكْرُهُ
وَ مِنَ
النَّاسِ مَنْ يَشْرِي نَفْسَهُ ابْتِغَاءَ مَرْضَاتِ اللَّهِ
ثُمَّ مِحْنَتُكَ
يَوْمَ صِفِّينَ وَ قَدْ رُفِعَتِ الْمَصَاحِفُ حِيلَةً وَ مَكْراً
فَأَعْرَضَ
الشَّكُّ وَ عُزِفَ الْحَقُّ وَ اتُّبِعَ الظَّنُ
أَشْبَهَتْ مِحْنَةَ هَارُونَ
إِذْ أَمَّرَهُ مُوسَى عَلَى قَوْمِهِ فَتَفَرَّقُوا عَنْهُ
وَ هَارُونُ
يُنَادِي بِهِمْ وَ يَقُولُ يَا قَوْمِ إِنَّمَا فُتِنْتُمْ بِهِ وَ إِنَّ
رَبَّكُمُ الرَّحْمَنُ
فَاتَّبِعُونِي وَ أَطِيعُوا أَمْرِي قَالُوا لَنْ
نَبْرَحَ عَلَيْهِ عَاكِفِينَ حَتَّى يَرْجِعَ إِلَيْنَا مُوسَى
وَ كَذَلِكَ
أَنْتَ لَمَّا رُفِعَتِ الْمَصَاحِفُ قُلْتَ يَا قَوْمِ إِنَّمَا فُتِنْتُمْ
بِهَا
وَ خُدِعْتُمْ
فَعَصَوْكَ وَ خَالَفُوا عَلَيْكَ وَ اسْتَدْعَوْا نَصْبَ
الْحَكَمَيْنِ فَأَبَيْتَ عَلَيْهِمْ وَ تَبَرَّأْتَ إِلَى اللَّهِ مِنْ
فِعْلِهِمْ
وَ فَوَّضْتَهُ إِلَيْهِمْ
فَلَمَّا أَسْفَرَ الْحَقُّ وَ سَفِهَ الْمُنْكَرُ
وَ اعْتَرَفُوا بِالزَّلَلِ وَ الْجَوْرِ عَنِ الْقَصْدِ اخْتَلَفُوا مِنْ
بَعْدِهِ
وَ أَلْزَمُوكَ عَلَى سَفَهٍ التَّحْكِيمَ الَّذِي أَبَيْتَهُ وَ
أَحَبُّوهُ وَ حَظَرْتَهُ وَ أَبَاحُوا ذَنْبَهُمُ الَّذِي اقْتَرَفُوهُ
وَ
أَنْتَ عَلَى نَهْجِ بَصِيرَةٍ وَ هُدًى وَ هُمْ عَلَى سُنَنِ ضَلاَلَةٍ وَ
عَمًى
فَمَا زَالُوا عَلَى النِّفَاقِ مُصِرِّينَ وَ فِي الْغَيِّ
مُتَرَدِّدِينَ حَتَّى أَذَاقَهُمُ اللَّهُ وَبَالَ أَمْرِهِمْ
فَأَمَاتَ
بِسَيْفِكَ مَنْ عَانَدَكَ فَشَقِيَ وَ هَوَى وَ أَحْيَا بِحُجَّتِكَ مَنْ
سَعِدَ
فَهُدِيَ
صَلَوَاتُ اللَّهِ عَلَيْكَ غَادِيَةً وَ رَائِحَةً وَ عَاكِفَةً وَ
ذَاهِبَةً فَمَا يُحِيطُ الْمَادِحُ وَصْفَكَ وَ لاَ يُحْبِطُ الطَّاعِنُ
فَضْلَكَ
أَنْتَ أَحْسَنُ الْخَلْقِ عِبَادَةً وَ أَخْلَصُهُمْ زَهَادَةً وَ
أَذَبُّهُمْ عَنِ الدِّينِ
أَقَمْتَ حُدُودَ اللَّهِ بِجُهْدِكَ (بِجَهْدِكَ)
وَ فَلَلْتَ عَسَاكِرَ الْمَارِقِينَ بِسَيْفِكَ
تُخْمِدُ لَهَبَ الْحُرُوبِ
بِبَنَانِكَ وَ تَهْتِكُ سُتُورَ الشُّبَهِ بِبَيَانِكَ
وَ تَكْشِفُ لَبْسَ
الْبَاطِلِ عَنْ صَرِيحِ الْحَقِّ لاَ تَأْخُذُكَ فِي اللَّهِ لَوْمَةُ
لاَئِمٍ
وَ فِي مَدْحِ اللَّهِ تَعَالَى لَكَ غِنًى عَنْ مَدْحِ الْمَادِحِينَ
وَ تَقْرِيظِ الْوَاصِفِينَ
قَالَ اللَّهُ تَعَالَى مِنَ الْمُؤْمِنِينَ
رِجَالٌ صَدَقُوا مَا عَاهَدُوا اللَّهَ عَلَيْهِ
فَمِنْهُمْ مَنْ قَضَى
نَحْبَهُ وَ مِنْهُمْ مَنْ يَنْتَظِرُ وَ مَا بَدَّلُوا تَبْدِيلاً
وَ لَمَّا
رَأَيْتَ أَنْ قَتَلْتَ النَّاكِثِينَ وَ الْقَاسِطِينَ وَ الْمَارِقِينَ
وَ
صَدَقَكَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ وَعْدَهُ
فَأَوْفَيْتَ
بِعَهْدِهِ
قُلْتَ أَ مَا آنَ أَنْ تُخْضَبَ هَذِهِ مِنْ هَذِهِ أَمْ مَتَى
يُبْعَثُ أَشْقَاهَا
وَاثِقاً بِأَنَّكَ عَلَى بَيِّنَةٍ مِنْ رَبِّكَ وَ
بَصِيرَةٍ مِنْ أَمْرِكَ
قَادِمٌ عَلَى اللَّهِ مُسْتَبْشِرٌ بِبَيْعِكَ
الَّذِي بَايَعْتَهُ بِهِ وَ ذَلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ
اللَّهُمَّ
الْعَنْ قَتَلَةَ أَنْبِيَائِكَ وَ أَوْصِيَاءِ أَنْبِيَائِكَ بِجَمِيعِ
لَعَنَاتِكَ وَ أَصْلِهِمْ حَرَّ نَارِكَ
وَ الْعَنْ مَنْ غَصَبَ وَلِيَّكَ
حَقَّهُ وَ أَنْكَرَ عَهْدَهُ وَ جَحَدَهُ بَعْدَ الْيَقِينِ وَ
الْإِقْرَارِ
بِالْوِلاَيَةِ لَهُ يَوْمَ أَكْمَلْتَ لَهُ الدِّينَ
اللَّهُمَّ الْعَنْ
قَتَلَةَ أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ وَ مَنْ ظَلَمَهُ وَ أَشْيَاعَهُمْ وَ
أَنْصَارَهُمْ
اللَّهُمَّ الْعَنْ ظَالِمِي الْحُسَيْنِ وَ قَاتِلِيهِ وَ
الْمُتَابِعِينَ عَدُوَّهُ وَ نَاصِرِيهِ وَ الرَّاضِينَ بِقَتْلِهِ وَ
خَاذِلِيهِ
لَعْناً وَبِيلاً
اللَّهُمَّ الْعَنْ أَوَّلَ ظَالِمٍ ظَلَمَ آلَ مُحَمَّدٍ وَ
مَانِعِيهِمْ حُقُوقَهُمْ
اللَّهُمَّ خُصَّ أَوَّلَ ظَالِمٍ وَ غَاصِبٍ لِآلِ
مُحَمَّدٍ بِاللَّعْنِ وَ كُلَّ مُسْتَنٍّ بِمَا سَنَّ إِلَى يَوْمِ
الْقِيَامَةِ
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ (وَ آلِ مُحَمَّدٍ ) خَاتَمِ
النَّبِيِّينَ وَ عَلَى عَلِيٍّ سَيِّدِ الْوَصِيِّينَ وَ آلِهِ
الطَّاهِرِينَ
وَ اجْعَلْنَا بِهِمْ مُتَمَسِّكِينَ وَ بِوِلاَيَتِهِمْ مِنَ
الْفَائِزِينَ الْآمِنِينَ الَّذِينَ لاَ خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَ لاَ هُمْ
يَحْزَنُون
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ईमाम अली (अ:स) की
ईद-ए-ग़दीर के दिन की ज़्यारत - 2 |
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اللَّهُمَّ
صَلِّ
عَلَى
وَلِيِّكَ
وَ
أَخِي
نَبِيِّكَ
وَ
وَزِيرِهِ
وَ
حَبِيبِهِ
وَ
خَلِيلِهِ
وَ
مَوْضِعِ
سِرِّهِ
وَ خِيَرَتِهِ مِنْ أُسْرَتِهِ وَ وَصِيِّهِ وَ صَفْوَتِهِ وَ
خَالِصَتِهِ وَ أَمِينِهِ وَ وَلِيِّهِ
وَ أَشْرَفِ عِتْرَتِهِ الَّذِينَ
آمَنُوا بِهِ وَ أَبِي ذُرِّيَّتِهِ وَ بَابِ حِكْمَتِهِ وَ النَّاطِقِ
بِحُجَّتِهِ
وَ الدَّاعِي إِلَى شَرِيعَتِهِ وَ الْمَاضِي عَلَى سُنَّتِهِ وَ
خَلِيفَتِهِ عَلَى أُمَّتِهِ
سَيِّدِ الْمُسْلِمِينَ وَ أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ
وَ قَائِدِ الْغُرِّ الْمُحَجَّلِينَ
أَفْضَلَ مَا صَلَّيْتَ عَلَى أَحَدٍ مِنْ
خَلْقِكَ وَ أَصْفِيَائِكَ وَ أَوْصِيَاءِ أَنْبِيَائِكَ
اللَّهُمَّ إِنِّي
أَشْهَدُ أَنَّهُ قَدْ بَلَّغَ عَنْ نَبِيِّكَ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ
آلِهِ
مَا حُمِّلَ
وَ رَعَى مَا اسْتُحْفِظَ وَ حَفِظَ مَا اسْتُودِعَ وَ حَلَّلَ
حَلاَلَكَ وَ حَرَّمَ حَرَامَكَ
وَ أَقَامَ أَحْكَامَكَ وَ دَعَا إِلَى
سَبِيلِكَ وَ وَالَى أَوْلِيَاءَكَ وَ عَادَى أَعْدَاءَكَ
وَ جَاهَدَ
النَّاكِثِينَ عَنْ سَبِيلِكَ وَ الْقَاسِطِينَ وَ الْمَارِقِينَ عَنْ
أَمْرِكَ
صَابِراً مُحْتَسِباً مُقْبِلاً غَيْرَ مُدْبِرٍ لاَ تَأْخُذُهُ فِي
اللَّهِ لَوْمَةُ لاَئِمٍ
حَتَّى بَلَغَ فِي ذَلِكَ الرِّضَا وَ سَلَّمَ
إِلَيْكَ الْقَضَاءَ
وَ عَبَدَكَ مُخْلِصاً وَ نَصَحَ لَكَ مُجْتَهِداً حَتَّى
أَتَاهُ الْيَقِينُ
فَقَبَضْتَهُ إِلَيْكَ شَهِيداً سَعِيداً وَلِيّاً تَقِيّاً
رَضِيّاً زَكِيّاً هَادِياً مَهْدِيّاً
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ
عَلَيْهِ أَفْضَلَ مَا صَلَّيْتَ عَلَى أَحَدٍ مِنْ أَنْبِيَائِكَ وَ
أَصْفِيَائِكَ
يَا رَبَّ الْعَالَمِين
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ईमाम अली (अ:स) की ज़्यारत - शबे
बेसत में पढ़ी जाने वाली |
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أَشْهَدُ
أَنْ
لاَ
إِلَهَ
إِلاَّ
اللَّهُ
وَحْدَهُ
لاَ
شَرِيكَ
لَهُ
وَ
أَشْهَدُ
أَنَّ
مُحَمَّداً
عَبْدُهُ
وَ
رَسُولُهُ
وَ أَنَّ عَلِيَّ بْنَ أَبِي طَالِبٍ أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ عَبْدُ
اللَّهِ وَ أَخُو رَسُولِهِ
وَ أَنَّ الْأَئِمَّةَ الطَّاهِرِينَ مِنْ وُلْدِهِ
حُجَجُ اللَّهِ عَلَى خَلْقِهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَارِثَ آدَمَ
خَلِيفَةِ اللَّهِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَارِثَ نُوحٍ صَفْوَةِ
اللَّهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَارِثَ إِبْرَاهِيمَ خَلِيلِ اللَّهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَارِثَ مُوسَى كَلِيمِ اللَّهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ
يَا وَارِثَ عِيسَى رُوحِ اللَّهِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَارِثَ
مُحَمَّدٍ
سَيِّدِ رُسُلِ اللَّهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا إِمَامَ الْمُتَّقِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
سَيِّدَ الْوَصِيِّينَ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَصِيَّ رَسُولِ رَبِّ
الْعَالَمِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَارِثَ عِلْمِ الْأَوَّلِينَ وَ
الْآخِرِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا النَّبَأُ الْعَظِيمُ السَّلاَمُ
عَلَيْكَ أَيُّهَا الصِّرَاطُ الْمُسْتَقِيمُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا
الْمُهَذَّبُ الْكَرِيمُ السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا الْوَصِيُّ التَّقِيُّ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا الرَّضِيُّ الزَّكِيُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ
أَيُّهَا الْبَدْرُ الْمُضِيءُ السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا الصِّدِّيقُ
الْأَكْبَرُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا الْفَارُوقُ الْأَعْظَمُ السَّلاَمُ
عَلَيْكَ أَيُّهَا السِّرَاجُ الْمُنِيرُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا إِمَامَ
الْهُدَى السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا عَلَمَ التُّقَى السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
حُجَّةَ
اللَّهِ الْكُبْرَى
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا خَاصَّةَ اللَّهِ وَ خَالِصَتَهُ
وَ أَمِينَ اللَّهِ وَ صَفْوَتَهُ وَ بَابَ اللَّهِ وَ حُجَّتَهُ
وَ مَعْدِنَ
حُكْمِ اللَّهِ وَ سِرِّهِ وَ عَيْبَةَ عِلْمِ اللَّهِ وَ خَازِنَهُ وَ
سَفِيرَ
اللَّهِ فِي خَلْقِهِ
أَشْهَدُ أَنَّكَ أَقَمْتَ الصَّلاَةَ وَ آتَيْتَ
الزَّكَاةَ وَ أَمَرْتَ بِالْمَعْرُوفِ وَ نَهَيْتَ عَنِ الْمُنْكَرِ
وَ
اتَّبَعْتَ الرَّسُولَ وَ تَلَوْتَ الْكِتَابَ حَقَّ تِلاَوَتِهِ وَ
بَلَّغْتَ عَنِ
اللَّهِ
وَ وَفَيْتَ بِعَهْدِ اللَّهِ وَ تَمَّتْ بِكَ كَلِمَاتُ اللَّهِ وَ
جَاهَدْتَ فِي اللَّهِ حَقَّ جِهَادِهِ
وَ نَصَحْتَ لِلَّهِ وَ لِرَسُولِهِ
صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ
وَ جُدْتَ بِنَفْسِكَ صَابِراً مُحْتَسِباً
مُجَاهِداً عَنْ دِينِ اللَّهِ
مُوَقِّياً لِرَسُولِ اللَّهِ طَالِباً مَا
عِنْدَ اللَّهِ رَاغِباً فِيمَا وَعَدَ اللَّهُ
وَ مَضَيْتَ لِلَّذِي كُنْتَ
عَلَيْهِ شَهِيداً وَ شَاهِداً وَ مَشْهُوداً
فَجَزَاكَ اللَّهُ عَنْ رَسُولِهِ
وَ عَنِ الْإِسْلاَمِ وَ أَهْلِهِ مِنْ صِدِّيقٍ أَفْضَلَ الْجَزَاءِ
أَشْهَدُ
أَنَّكَ كُنْتَ أَوَّلَ الْقَوْمِ إِسْلاَماً وَ أَخْلَصَهُمْ إِيمَاناً وَ
أَشَدَّهُمْ يَقِيناً وَ أَخْوَفَهُمْ لِلَّهِ وَ أَعْظَمَهُمْ عَنَاءً
وَ
أَحْوَطَهُمْ عَلَى رَسُولِ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ
وَ
أَفْضَلَهُمْ مَنَاقِبَ وَ أَكْثَرَهُمْ سَوَابِقَ وَ أَرْفَعَهُمْ دَرَجَةً
وَ
أَشْرَفَهُمْ مَنْزِلَةً
وَ أَكْرَمَهُمْ عَلَيْهِ فَقَوِيتَ (قَوِيتَ) حِينَ
وَهَنُوا وَ لَزِمْتَ مِنْهَاجَ رَسُولِ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ
وَ
آلِهِ
وَ أَشْهَدُ أَنَّكَ كُنْتَ خَلِيفَتَهُ حَقّاً لَمْ تُنَازَعْ بِرَغْمِ
الْمُنَافِقِينَ وَ غَيْظِ الْكَافِرِينَ وَ ضِغْنِ الْفَاسِقِينَ
وَ قُمْتَ
بِالْأَمْرِ حِينَ فَشِلُوا وَ نَطَقْتَ حِينَ تَتَعْتَعُوا وَ مَضَيْتَ
بِنُورِ
اللَّهِ إِذْ وَقَفُوا فَمَنِ اتَّبَعَكَ فَقَدِ اهْتَدَى (هُدِيَ)
كُنْتَ
أَوَّلَهُمْ كَلاَماً وَ أَشَدَّهُمْ خِصَاماً وَ أَصْوَبَهُمْ مَنْطِقاً
وَ
أَسَدَّهُمْ رَأْياً
وَ أَشْجَعَهُمْ قَلْباً وَ أَكْثَرَهُمْ يَقِيناً وَ
أَحْسَنَهُمْ عَمَلاً وَ أَعْرَفَهُمْ بِالْأُمُورِ
كُنْتَ لِلْمُؤْمِنِينَ
أَباً رَحِيماً إِذْ صَارُوا عَلَيْكَ عِيَالاً فَحَمَلْتَ أَثْقَالَ مَا
عَنْهُ
ضَعُفُوا
وَ حَفِظْتَ مَا أَضَاعُوا وَ رَعَيْتَ مَا أَهْمَلُوا وَ شَمَّرْتَ
إِذْ جَبَنُوا وَ عَلَوْتَ إِذْ هَلِعُوا وَ صَبَرْتَ إِذْ جَزِعُوا
كُنْتَ
عَلَى الْكَافِرِينَ عَذَاباً صَبّاً وَ غِلْظَةً وَ غَيْظاً وَ
لِلْمُؤْمِنِينَ
غَيْثاً وَ خِصْباً وَ عِلْماً
لَمْ تُفْلَلْ حُجَّتُكَ وَ لَمْ يَزِغْ قَلْبُكَ
وَ لَمْ تَضْعُفْ بَصِيرَتُكَ وَ لَمْ تَجْبُنْ نَفْسُكَ
كُنْتَ كَالْجَبَلِ
لاَ تُحَرِّكُهُ الْعَوَاصِفُ وَ لاَ تُزِيلُهُ الْقَوَاصِفُ
كُنْتَ كَمَا
قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ قَوِيّاً فِي
بَدَنِكَ
مُتَوَاضِعاً فِي نَفْسِكَ عَظِيماً عِنْدَ اللَّهِ كَبِيراً فِي
الْأَرْضِ جَلِيلاً فِي السَّمَاءِ
لَمْ يَكُنْ لِأَحَدٍ فِيكَ مَهْمَزٌ وَ لاَ
لِقَائِلٍ فِيكَ مَغْمَزٌ وَ لاَ لِخَلْقٍ فِيكَ مَطْمَعٌ وَ لاَ لِأَحَدٍ
عِنْدَكَ
هَوَادَةٌ
يُوجَدُ الضَّعِيفُ الذَّلِيلُ عِنْدَكَ قَوِيّاً عَزِيزاً حَتَّى
تَأْخُذَ لَهُ بِحَقِّهِ
وَ الْقَوِيُّ الْعَزِيزُ عِنْدَكَ ضَعِيفاً
(ذَلِيلاً)
حَتَّى تَأْخُذَ مِنْهُ الْحَقَ
الْقَرِيبُ وَ الْبَعِيدُ عِنْدَكَ
فِي ذَلِكَ سَوَاءٌ
شَأْنُكَ الْحَقُّ وَ الصِّدْقُ وَ الرِّفْقُ وَ قَوْلُكَ
حُكْمٌ وَ حَتْمٌ وَ أَمْرُكَ حِلْمٌ وَ عَزْمٌ
وَ رَأْيُكَ عِلْمٌ وَ حَزْمٌ
(وَ
جَزْمٌ) اعْتَدَلَ بِكَ الدِّينُ وَ سَهُلَ بِكَ الْعَسِيرُ وَ أُطْفِئَتْ
بِكَ
النِّيرَانُ وَ قَوِيَ بِكَ الْإِيمَانُ
وَ ثَبَتَ بِكَ الْإِسْلاَمُ وَ
هَدَّتْ مُصِيبَتُكَ الْأَنَامَ فَإِنَّا لِلَّهِ وَ إِنَّا إِلَيْهِ
رَاجِعُونَ
لَعَنَ اللَّهُ مَنْ قَتَلَكَ وَ لَعَنَ اللَّهُ مَنْ خَالَفَكَ وَ
لَعَنَ اللَّهُ مَنِ افْتَرَى عَلَيْكَ وَ لَعَنَ اللَّهُ مَنْ ظَلَمَكَ وَ
غَصَبَكَ حَقَّكَ
وَ لَعَنَ اللَّهُ مَنْ بَلَغَهُ ذَلِكَ فَرَضِيَ بِهِ إِنَّا
إِلَى اللَّهِ مِنْهُمْ بُرَآءُ
لَعَنَ اللَّهُ أُمَّةً خَالَفَتْكَ وَ جَحَدَتْ
وِلاَيَتَكَ وَ تَظَاهَرَتْ عَلَيْكَ وَ قَتَلَتْكَ وَ حَادَتْ عَنْكَ وَ
خَذَلَتْكَ
الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي جَعَلَ النَّارَ مَثْوَاهُمْ وَ بِئْسَ
الْوِرْدُ الْمَوْرُودُ
أَشْهَدُ لَكَ يَا وَلِيَّ اللَّهِ وَ وَلِيَّ رَسُولِهِ
صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ بِالْبَلاَغِ وَ الْأَدَاءِ (وَ
النَّصِيحَةِ)
وَ أَشْهَدُ أَنَّكَ حَبِيبُ (جَنْبُ) اللَّهِ وَ بَابُهُ وَ
أَنَّكَ جَنْبُ (حَبِيبُ) اللَّهِ وَ وَجْهُهُ الَّذِي مِنْهُ يُؤْتَى
وَ
أَنَّكَ سَبِيلُ اللَّهِ وَ أَنَّكَ عَبْدُ اللَّهِ وَ أَخُو رَسُولِهِ
صَلَّى
اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ
أَتَيْتُكَ زَائِراً لِعَظِيمِ حَالِكَ وَ
مَنْزِلَتِكَ عِنْدَ اللَّهِ وَ عِنْدَ رَسُولِهِ مُتَقَرِّباً إِلَى
اللَّهِ
بِزِيَارَتِكَ
رَاغِباً إِلَيْكَ فِي الشَّفَاعَةِ أَبْتَغِي بِشَفَاعَتِكَ
خَلاَصَ نَفْسِي مُتَعَوِّذاً بِكَ مِنَ النَّارِ
هَارِباً مِنْ ذُنُوبِيَ
الَّتِي احْتَطَبْتُهَا عَلَى ظَهْرِي فَزِعاً إِلَيْكَ رَجَاءَ رَحْمَةِ
رَبِّي
أَتَيْتُكَ أَسْتَشْفِعُ بِكَ يَا مَوْلاَيَ إِلَى اللَّهِ وَ
أَتَقَرَّبُ بِكَ إِلَيْهِ لِيَقْضِيَ بِكَ حَوَائِجِي
فَاشْفَعْ لِي يَا
أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ إِلَى اللَّهِ فَإِنِّي عَبْدُ اللَّهِ وَ مَوْلاَكَ
وَ
زَائِرُكَ
وَ لَكَ عِنْدَ اللَّهِ الْمَقَامُ الْمَعْلُومُ وَ الْجَاهُ
الْعَظِيمُ وَ الشَّأْنُ الْكَبِيرُ وَ الشَّفَاعَةُ الْمَقْبُولَةُ
اللَّهُمَّ
صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ وَ صَلِّ عَلَى عَبْدِكَ وَ
أَمِينِكَ
الْأَوْفَى
وَ عُرْوَتِكَ الْوُثْقَى وَ يَدِكَ الْعُلْيَا وَ كَلِمَتِكَ
الْحُسْنَى وَ حُجَّتِكَ عَلَى الْوَرَى وَ صِدِّيقِكَ الْأَكْبَرِ
سَيِّدِ
الْأَوْصِيَاءِ وَ رُكْنِ الْأَوْلِيَاءِ وَ عِمَادِ الْأَصْفِيَاءِ أَمِيرِ
الْمُؤْمِنِينَ وَ يَعْسُوبِ الْمُتَّقِينَ وَ قُدْوَةِ الصِّدِّيقِينَ وَ
إِمَامِ
الصَّالِحِينَ
الْمَعْصُومِ مِنَ الزَّلَلِ وَ الْمَفْطُومِ مِنَ الْخَلَلِ وَ
الْمُهَذَّبِ مِنَ الْعَيْبِ وَ الْمُطَهَّرِ مِنَ الرَّيْبِ
أَخِي نَبِيِّكَ
وَ وَصِيِّ رَسُولِكَ وَ الْبَائِتِ عَلَى فِرَاشِهِ وَ الْمُوَاسِي لَهُ
بِنَفْسِهِ وَ كَاشِفِ الْكَرْبِ عَنْ وَجْهِهِ
الَّذِي جَعَلْتَهُ سَيْفاً
لِنُبُوَّتِهِ وَ مُعْجِزاً لِرِسَالَتِهِ وَ دِلاَلَةً وَاضِحَةً
لِحُجَّتِهِ
وَ حَامِلاً لِرَايَتِهِ وَ وِقَايَةً لِمُهْجَتِهِ وَ هَادِياً
لِأُمَّتِهِ وَ يَداً لِبَأْسِهِ
وَ تَاجاً لِرَأْسِهِ وَ بَاباً لِنَصْرِهِ وَ
مِفْتَاحاً لِظَفَرِهِ
حَتَّى هَزَمَ جُنُودَ الشِّرْكِ بِأَيْدِكَ وَ أَبَادَ
عَسَاكِرَ الْكُفْرِ بِأَمْرِكَ
وَ بَذَلَ نَفْسَهُ فِي مَرْضَاتِكَ وَ
مَرْضَاةِ رَسُولِكَ وَ جَعَلَهَا وَقْفاً عَلَى طَاعَتِهِ وَ مِجَنّاً
دُونَ
نَكْبَتِهِ
حَتَّى فَاضَتْ نَفْسُهُ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ فِي
كَفِّهِ وَ اسْتَلَبَ بَرْدَهَا وَ مَسَحَهُ عَلَى وَجْهِهِ
وَ أَعَانَتْهُ
مَلاَئِكَتُكَ عَلَى غُسْلِهِ وَ تَجْهِيزِهِ وَ صَلَّى عَلَيْهِ وَ وَارَى
شَخْصَهُ
وَ قَضَى دَيْنَهُ وَ أَنْجَزَ وَعْدَهُ وَ لَزِمَ عَهْدَهُ وَ
احْتَذَى مِثَالَهُ
وَ حَفِظَ وَصِيَّتَهُ وَ حِينَ وَجَدَ أَنْصَاراً نَهَضَ
مُسْتَقِلاًّ بِأَعْبَاءِ الْخِلاَفَةِ مُضْطَلِعاً بِأَثْقَالِ
الْإِمَامَةِ
فَنَصَبَ رَايَةَ الْهُدَى فِي عِبَادِكَ وَ نَشَرَ ثَوْبَ
الْأَمْنِ فِي بِلاَدِكَ وَ بَسَطَ الْعَدْلَ فِي بَرِيَّتِكَ
وَ حَكَمَ
بِكِتَابِكَ فِي خَلِيقَتِكَ وَ أَقَامَ الْحُدُودَ وَ قَمَعَ الْجُحُودَ
وَ
قَوَّمَ الزَّيْغَ
وَ سَكَّنَ الْغَمْرَةَ وَ أَبَادَ الْفَتْرَةَ وَ سَدَّ
الْفُرْجَةَ وَ قَتَلَ النَّاكِثَةَ وَ الْقَاسِطَةَ وَ الْمَارِقَةَ
وَ لَمْ
يَزَلْ عَلَى مِنْهَاجِ رَسُولِ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ
وَ
وَتِيرَتِهِ وَ لُطْفِ شَاكِلَتِهِ وَ جَمَالِ سِيرَتِهِ
مُقْتَدِياً
بِسُنَّتِهِ مُتَعَلِّقاً بِهِمَّتِهِ مُبَاشِراً لِطَرِيقَتِهِ وَ
أَمْثِلَتُهُ
نَصْبُ عَيْنَيْهِ
يَحْمِلُ عِبَادَكَ عَلَيْهَا وَ يَدْعُوهُمْ إِلَيْهَا
إِلَى أَنْ خُضِبَتْ شَيْبَتُهُ مِنْ دَمِ رَأْسِهِ
اللَّهُمَّ فَكَمَا لَمْ
يُؤْثِرْ فِي طَاعَتِكَ شَكّاً عَلَى يَقِينٍ وَ لَمْ يُشْرِكْ بِكَ
طَرْفَةَ
عَيْنٍ
صَلِّ عَلَيْهِ صَلاَةً زَاكِيَةً نَامِيَةً يَلْحَقُ بِهَا دَرَجَةَ
النُّبُوَّةِ فِي جَنَّتِكَ وَ بَلِّغْهُ مِنَّا تَحِيَّةً وَ سَلاَماً
وَ
آتِنَا مِنْ لَدُنْكَ فِي مُوَالاَتِهِ فَضْلاً وَ إِحْسَاناً وَ مَغْفِرَةً
وَ
رِضْوَاناً
إِنَّكَ ذُو الْفَضْلِ الْجَسِيمِ بِرَحْمَتِكَ يَا أَرْحَمَ
الرَّاحِمِينَ
پس ببوس ضريح را و روى راست خود را بگذار بر آن و بعد از آن روى
چپ را و ميل كن به سمت قبله و نماز زيارت بجاى آور و آنچه خواهى بعد از
نماز دعا كن
و بگو بعد از فرستادن تسبيح زهرا عليها السلام
اللَّهُمَّ إِنَّكَ بَشَّرْتَنِي
عَلَى لِسَانِ نَبِيِّكَ وَ رَسُولِكَ مُحَمَّدٍ صَلَوَاتُكَ عَلَيْهِ وَ
آلِهِ
فَقُلْتَ وَ بَشِّرِ الَّذِينَ آمَنُوا أَنَّ لَهُمْ قَدَمَ صِدْقٍ
عِنْدَ رَبِّهِمْ
اللَّهُمَّ وَ إِنِّي مُؤْمِنٌ بِجَمِيعِ أَنْبِيَائِكَ وَ
رُسُلِكَ صَلَوَاتُكَ عَلَيْهِمْ
فَلاَ تَقِفْنِي بَعْدَ مَعْرِفَتِهِمْ
مَوْقِفاً تَفْضَحُنِي فِيهِ عَلَى رُءُوسِ الْأَشْهَادِ بَلْ قِفْنِي
مَعَهُمْ وَ
تَوَفَّنِي عَلَى التَّصْدِيقِ بِهِمْ
اللَّهُمَّ وَ أَنْتَ خَصَصْتَهُمْ
بِكَرَامَتِكَ وَ أَمَرْتَنِي بِاتِّبَاعِهِمْ
اللَّهُمَّ وَ إِنِّي عَبْدُكَ
وَ زَائِرُكَ مُتَقَرِّباً إِلَيْكَ بِزِيَارَةِ أَخِي رَسُولِكَ
وَ عَلَى
كُلِّ مَأْتِيٍّ وَ مَزُورٍ حَقٌّ لِمَنْ أَتَاهُ وَ زَارَهُ وَ أَنْتَ
خَيْرُ
مَأْتِيٍّ وَ أَكْرَمُ مَزُورٍ
فَأَسْأَلُكَ يَا اللَّهُ يَا رَحْمَانُ يَا
رَحِيمُ يَا جَوَادُ يَا مَاجِدُ يَا أَحَدُ يَا صَمَدُ
يَا مَنْ لَمْ يَلِدْ وَ
لَمْ يُولَدْ وَ لَمْ يَكُنْ لَهُ كُفُواً أَحَدٌ
وَ لَمْ يَتَّخِذْ صَاحِبَةً
وَ لاَ وَلَداً أَنْ تُصَلِّيَ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ
وَ أَنْ
تَجْعَلَ تُحْفَتَكَ إِيَّايَ مِنْ زِيَارَتِي أَخَا رَسُولِكَ فَكَاكَ
رَقَبَتِي
مِنَ النَّارِ
وَ أَنْ تَجْعَلَنِي مِمَّنْ يُسَارِعُ فِي الْخَيْرَاتِ وَ
يَدْعُوكَ رَغَباً وَ رَهَباً وَ تَجْعَلَنِي لَكَ مِنَ
الْخَاشِعِينَ
اللَّهُمَّ إِنَّكَ مَنَنْتَ عَلَيَّ بِزِيَارَةِ مَوْلاَيَ
عَلِيِّ بْنِ أَبِي طَالِبٍ وَ وِلاَيَتِهِ وَ مَعْرِفَتِهِ
فَاجْعَلْنِي
مِمَّنْ يَنْصُرُهُ وَ يَنْتَصِرُ بِهِ وَ مُنَّ عَلَيَّ بِنَصْرِكَ
لِدِينِكَ
اللَّهُمَّ وَ اجْعَلْنِي مِنْ شِيعَتِهِ وَ تَوَفَّنِي عَلَى
دِينِهِ
اللَّهُمَّ أَوْجِبْ لِي مِنَ الرَّحْمَةِ وَ الرِّضْوَانِ وَ
الْمَغْفِرَةِ وَ الْإِحْسَانِ وَ الرِّزْقِ الْوَاسِعِ الْحَلاَلِ
الطَّيِّبِ مَا
أَنْتَ أَهْلُهُ
يَا أَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ وَ الْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ
الْعَالَمِينَ
رَحِمَكَ اللَّهُ يَا أَبَا الْحَسَنِ كُنْتَ أَوَّلَ الْقَوْمِ
إِسْلاَماً وَ أَخْلَصَهُمْ إِيمَاناً وَ أَشَدَّهُمْ يَقِيناً وَ
أَخْوَفَهُمْ
لِلَّه |
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Ziarat of Imam Ali (a.s) to be recite on 17th Rabiul Awwal |
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اللَّهُ
أَكْبَرُ
السَّلاَمُ عَلَى
رَسُولِ اللَّهِ السَّلاَمُ عَلَى خِيَرَةِ اللَّهِ
السَّلاَمُ عَلَى
الْبَشِيرِ النَّذِيرِ السِّرَاجِ الْمُنِيرِ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ
بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَى الطُّهْرِ الطَّاهِرِ السَّلاَمُ عَلَى الْعَلَمِ
الزَّاهِرِ السَّلاَمُ عَلَى الْمَنْصُورِ الْمُؤَيَّدِ
السَّلاَمُ عَلَى أَبِي
الْقَاسِمِ مُحَمَّدٍ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَى
أَنْبِيَاءِ اللَّهِ الْمُرْسَلِينَ وَ عِبَادِ اللَّهِ
الصَّالِحِينَ
السَّلاَمُ عَلَى مَلاَئِكَةِ اللَّهِ الْحَافِّينَ بِهَذَا
الْحَرَمِ وَ بِهَذَا الضَّرِيحِ اللاَّئِذِينَ بِهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
وَصِيَّ الْأَوْصِيَاءِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا عِمَادَ
الْأَتْقِيَاءِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَلِيَّ الْأَوْلِيَاءِ السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا سَيِّدَ الشُّهَدَاءِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا آيَةَ اللَّهِ
الْعُظْمَى السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا خَامِسَ أَهْلِ الْعَبَاءِ
السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا قَائِدَ الْغُرِّ الْمُحَجَّلِينَ الْأَتْقِيَاءِ السَّلاَمُ
عَلَيْكَ
يَا عِصْمَةَ الْأَوْلِيَاءِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا زَيْنَ الْمُوَحِّدِينَ
النُّجَبَاءِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا خَالِصَ الْأَخِلاَّءِ السَّلاَمُ
عَلَيْكَ
يَا وَالِدَ الْأَئِمَّةِ الْأُمَنَاءِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا صَاحِبَ
الْحَوْضِ وَ حَامِلَ اللِّوَاءِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا قَسِيمَ
الْجَنَّةِ وَ
لَظَى
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ شُرِّفَتْ بِهِ مَكَّةُ وَ
مِنًى
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا بَحْرَ الْعُلُومِ وَ كَنَفَ (كَهْفَ)
الْفُقَرَاءِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ وُلِدَ فِي الْكَعْبَةِ وَ زُوِّجَ
فِي السَّمَاءِ بِسَيِّدَةِ النِّسَاءِ وَ كَانَ شُهُودُهَا الْمَلاَئِكَةَ
الْأَصْفِيَاءَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مِصْبَاحَ الضِّيَاءِ السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا مَنْ خَصَّهُ النَّبِيُّ بِجَزِيلِ الْحِبَاءِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ
يَا مَنْ بَاتَ عَلَى فِرَاشِ خَاتَمِ الْأَنْبِيَاءِ وَ وَقَاهُ بِنَفْسِهِ
شَرَّ
الْأَعْدَاءِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ رُدَّتْ لَهُ الشَّمْسُ فَسَامَى
شَمْعُونَ الصَّفَا
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ أَنْجَى اللَّهُ سَفِينَةَ
نُوحٍ بِاسْمِهِ وَ اسْمِ أَخِيهِ حَيْثُ الْتَطَمَ الْمَاءُ حَوْلَهَا وَ
طَمَى
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ تَابَ اللَّهُ بِهِ وَ بِأَخِيهِ عَلَى
آدَمَ إِذْ غَوَى
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا فُلْكَ النَّجَاةِ الَّذِي مَنْ
رَكِبَهُ نَجَا وَ مَنْ تَأَخَّرَ عَنْهُ هَوَى
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ
خَاطَبَ الثُّعْبَانَ وَ ذِئْبَ الْفَلاَ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا أَمِيرَ
الْمُؤْمِنِينَ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
حُجَّةَ اللَّهِ عَلَى مَنْ كَفَرَ وَ أَنَابَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا إِمَامَ
ذَوِي الْأَلْبَابِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَعْدِنَ الْحِكْمَةِ وَ فَصْلَ
الْخِطَابِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ عِنْدَهُ عِلْمُ الْكِتَابِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مِيزَانَ يَوْمِ الْحِسَابِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
فَاصِلَ الْحُكْمِ النَّاطِقَ بِالصَّوَابِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا
الْمُتَصَدِّقُ بِالْخَاتَمِ فِي الْمِحْرَابِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ
كَفَى اللَّهُ الْمُؤْمِنِينَ الْقِتَالَ بِهِ يَوْمَ الْأَحْزَابِ
السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا مَنْ أَخْلَصَ لِلَّهِ الْوَحْدَانِيَّةَ وَ أَنَابَ
السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا قَاتِلَ خَيْبَرَ وَ قَالِعَ الْبَابِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
مَنْ دَعَاهُ خَيْرُ الْأَنَامِ لِلْمَبِيتِ عَلَى فِرَاشِهِ فَأَسْلَمَ
نَفْسَهُ
لِلْمَنِيَّةِ وَ أَجَابَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ لَهُ طُوبَى وَ حُسْنُ
مَآبٍ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَلِيَّ
عِصْمَةِ الدِّينِ وَ يَا سَيِّدَ السَّادَاتِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا صَاحِبَ
الْمُعْجِزَاتِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ نَزَلَتْ فِي فَضْلِهِ سُورَةُ
الْعَادِيَاتِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ كُتِبَ اسْمُهُ فِي السَّمَاءِ
عَلَى السُّرَادِقَاتِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مُظْهِرَ الْعَجَائِبِ وَ
الْآيَاتِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا أَمِيرَ الْغَزَوَاتِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ
يَا مُخْبِراً بِمَا غَبَرَ وَ بِمَا هُوَ آتٍ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
مُخَاطِبَ ذِئْبِ الْفَلَوَاتِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا خَاتِمَ الْحَصَى
وَ
مُبَيِّنَ الْمُشْكِلاَتِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ عَجِبَتْ مِنْ
حَمَلاَتِهِ فِي الْوَغَى مَلاَئِكَةُ السَّمَاوَاتِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
مَنْ نَاجَى الرَّسُولَ فَقَدَّمَ بَيْنَ يَدَيْ نَجْوَاهُ
الصَّدَقَاتِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَالِدَ الْأَئِمَّةِ الْبَرَرَةِ
السَّادَاتِ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
تَالِيَ الْمَبْعُوثِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَارِثَ عِلْمِ خَيْرِ
مَوْرُوثٍ وَ
رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا سَيِّدَ
الْوَصِيِّينَ (الْمُؤْمِنِينَ) السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا إِمَامَ
الْمُتَّقِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا غِيَاثَ الْمَكْرُوبِينَ السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا عِصْمَةَ الْمُؤْمِنِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مُظْهِرَ
الْبَرَاهِينِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا طه وَ يس
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
حَبْلَ اللَّهِ الْمَتِينَ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا مَنْ تَصَدَّقَ فِي
صَلاَتِهِ
بِخَاتَمِهِ عَلَى الْمِسْكِينِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا قَالِعَ الصَّخْرَةِ
عَنْ فَمِ الْقَلِيبِ وَ مُظْهِرَ الْمَاءِ الْمَعِينِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
عَيْنَ اللَّهِ النَّاظِرَةَ وَ يَدَهُ الْبَاسِطَةَ وَ لِسَانَهُ
الْمُعَبِّرَ
عَنْهُ فِي بَرِيَّتِهِ أَجْمَعِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَارِثَ عِلْمِ
النَّبِيِّينَ وَ مُسْتَوْدَعَ عِلْمِ الْأَوَّلِينَ وَ الْآخِرِينَ
وَ صَاحِبَ
لِوَاءِ الْحَمْدِ وَ سَاقِيَ أَوْلِيَائِهِ مِنْ حَوْضِ خَاتَمِ
النَّبِيِّينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا يَعْسُوبَ الدِّينِ وَ قَائِدَ الْغُرِّ
الْمُحَجَّلِينَ وَ وَالِدَ الْأَئِمَّةِ الْمَرْضِيِّينَ وَ رَحْمَةُ
اللَّهِ وَ
بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَى اسْمِ اللَّهِ الرَّضِيِّ وَ وَجْهِهِ
الْمُضِيءِ وَ جَنْبِهِ الْقَوِيِّ وَ صِرَاطِهِ السَّوِيِ
السَّلاَمُ عَلَى
الْإِمَامِ التَّقِيِّ الْمُخْلِصِ الصَّفِيِ
السَّلاَمُ عَلَى الْكَوْكَبِ
الدُّرِّيِّ السَّلاَمُ عَلَى الْإِمَامِ أَبِي الْحَسَنِ عَلِيٍّ وَ
رَحْمَةُ
اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَى أَئِمَّةِ الْهُدَى وَ مَصَابِيحِ
الدُّجَى وَ أَعْلاَمِ التُّقَى وَ مَنَارِ الْهُدَى
وَ ذَوِي النُّهَى وَ
كَهْفِ الْوَرَى وَ الْعُرْوَةِ الْوُثْقَى وَ الْحُجَّةِ عَلَى أَهْلِ
الدُّنْيَا
وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَى نُورِ الْأَنْوَارِ وَ
حُجَّةِ الْجَبَّارِ وَ وَالِدِ الْأَئِمَّةِ الْأَطْهَارِ وَ قَسِيمِ
الْجَنَّةِ
وَ النَّارِ
الْمُخْبِرِ عَنِ الْآثَارِ الْمُدَمِّرِ عَلَى الْكُفَّارِ
مُسْتَنْقِذِ الشِّيعَةِ الْمُخْلِصِينَ مِنْ عَظِيمِ الْأَوْزَارِ
السَّلاَمُ
عَلَى الْمَخْصُوصِ بِالطَّاهِرَةِ التَّقِيَّةِ ابْنَةِ الْمُخْتَارِ
الْمَوْلُودِ
فِي الْبَيْتِ ذِي الْأَسْتَارِ
الْمُزَوَّجِ فِي السَّمَاءِ بِالْبَرَّةِ
الطَّاهِرَةِ الرَّضِيَّةِ الْمَرْضِيَّةِ وَالِدَةِ الْأَئِمَّةِ
الْأَطْهَارِ وَ
رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَى النَّبَإِ الْعَظِيمِ
الَّذِي هُمْ فِيهِ مُخْتَلِفُونَ وَ عَلَيْهِ يُعْرَضُونَ وَ عَنْهُ
يُسْأَلُونَ
السَّلاَمُ عَلَى نُورِ اللَّهِ الْأَنْوَرِ وَ ضِيَائِهِ
الْأَزْهَرِ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
وَلِيَّ اللَّهِ وَ حُجَّتَهُ وَ خَالِصَةَ اللَّهِ وَ خَاصَّتَهُ
أَشْهَدُ
أَنَّكَ يَا وَلِيَّ اللَّهِ (وَ حُجَّتَهُ) لَقَدْ جَاهَدْتَ فِي سَبِيلِ
اللَّهِ
حَقَّ جِهَادِهِ
وَ اتَّبَعْتَ مِنْهَاجَ رَسُولِ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ
عَلَيْهِ وَ آلِهِ وَ حَلَّلْتَ حَلاَلَ اللَّهِ وَ حَرَّمْتَ حَرَامَ
اللَّهِ
وَ شَرَعْتَ أَحْكَامَهُ وَ أَقَمْتَ الصَّلاَةَ وَ آتَيْتَ الزَّكَاةَ
وَ أَمَرْتَ بِالْمَعْرُوفِ وَ نَهَيْتَ عَنِ الْمُنْكَرِ
وَ جَاهَدْتَ فِي
سَبِيلِ اللَّهِ صَابِراً نَاصِحاً مُجْتَهِداً مُحْتَسِباً عِنْدَ اللَّهِ
عَظِيمَ
الْأَجْرِ حَتَّى أَتَاكَ الْيَقِينُ
فَلَعَنَ اللَّهُ مَنْ دَفَعَكَ عَنْ
حَقِّكَ وَ أَزَالَكَ عَنْ مَقَامِكَ
وَ لَعَنَ اللَّهُ مَنْ بَلَغَهُ ذَلِكَ
فَرَضِيَ بِهِ أُشْهِدُ اللَّهَ وَ مَلاَئِكَتَهُ وَ أَنْبِيَاءَهُ وَ
رُسُلَهُ
أَنِّي وَلِيٌّ لِمَنْ وَالاَكَ وَ عَدُوٌّ لِمَنْ عَادَاكَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
پس خود را به قبر
بچسبان و قبر را ببوس و بگو
أَشْهَدُ أَنَّكَ تَسْمَعُ كَلاَمِي وَ تَشْهَدُ
مَقَامِي وَ أَشْهَدُ لَكَ يَا وَلِيَّ اللَّهِ بِالْبَلاَغِ وَ الْأَدَاءِ
يَا
مَوْلاَيَ يَا حُجَّةَ اللَّهِ يَا أَمِينَ اللَّهِ يَا وَلِيَّ اللَّهِ
إِنَّ
بَيْنِي وَ بَيْنَ اللَّهِ عَزَّ وَ جَلَّ ذُنُوباً قَدْ أَثْقَلَتْ
ظَهْرِي وَ
مَنَعَتْنِي مِنَ الرُّقَادِ وَ ذِكْرُهَا يُقَلْقِلُ أَحْشَائِي
وَ قَدْ
هَرَبْتُ إِلَى اللَّهِ عَزَّ وَ جَلَّ وَ إِلَيْكَ
فَبِحَقِّ مَنِ ائْتَمَنَكَ
عَلَى سِرِّهِ وَ اسْتَرْعَاكَ أَمْرَ خَلْقِهِ وَ قَرَنَ طَاعَتَكَ
بِطَاعَتِهِ وَ
مُوَالاَتَكَ بِمُوَالاَتِهِ
كُنْ لِي إِلَى اللَّهِ شَفِيعاً وَ مِنَ النَّارِ
مُجِيراً وَ عَلَى الدَّهْرِ ظَهِيراً
پس باز خود را به قبر بچسبان و قبر را
ببوس و بگو
يَا وَلِيَّ اللَّهِ يَا حُجَّةَ اللَّهِ يَا بَابَ حِطَّةِ
اللَّهِ
وَلِيُّكَ وَ زَائِرُكَ وَ اللاَّئِذُ بِقَبْرِكَ وَ النَّازِلُ
بِفِنَائِكَ وَ الْمُنِيخُ رَحْلَهُ فِي جِوَارِكَ
يَسْأَلُكَ أَنْ تَشْفَعَ
لَهُ إِلَى اللَّهِ فِي قَضَاءِ حَاجَتِهِ وَ نُجْحِ طَلِبَتِهِ فِي
الدُّنْيَا وَ
الْآخِرَةِ
فَإِنَّ لَكَ عِنْدَ اللَّهِ الْجَاهَ الْعَظِيمَ وَ الشَّفَاعَةَ
الْمَقْبُولَةَ فَاجْعَلْنِي يَا مَوْلاَيَ مِنْ هَمِّكَ وَ أَدْخِلْنِي
فِي
حِزْبِكَ
وَ السَّلاَمُ عَلَيْكَ وَ عَلَى ضَجِيعَيْكَ آدَمَ وَ نُوحٍ وَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ وَ عَلَى وَلَدَيْكَ الْحَسَنِ وَ الْحُسَيْنِ
وَ عَلَى
الْأَئِمَّةِ الطَّاهِرِينَ مِنْ ذُرِّيَّتِكَ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ
بَرَكَاتُه |
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मदीना में जाने के वक़्त सलवात |
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إِنَّ
اللَّهَ
وَ
مَلاَئِكَتَهُ
يُصَلُّونَ
عَلَى
النَّبِيِّ
يَا
أَيُّهَا
الَّذِينَ
آمَنُوا
صَلُّوا
عَلَيْهِ
وَ
سَلِّمُوا
تَسْلِيماً
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ وَ
بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ
وَ تَحَنَّنْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ
مُحَمَّدٍ وَ سَلِّمْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ
كَأَفْضَلِ مَا
صَلَّيْتَ وَ بَارَكْتَ وَ تَرَحَّمْتَ وَ تَحَنَّنْتَ وَ سَلَّمْتَ عَلَى
إِبْرَاهِيمَ وَ آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ
اللَّهُمَّ أَعْطِ
مُحَمَّداً الْوَسِيلَةَ وَ الشَّرَفَ وَ الْفَضِيلَةَ وَ الْمَنْزِلَةَ
الْكَرِيمَةَ
اللَّهُمَّ اجْعَلْ مُحَمَّداً وَ آلَ مُحَمَّدٍ أَعْظَمَ
الْخَلاَئِقِ كُلِّهِمْ شَرَفاً يَوْمَ الْقِيَامَةِ وَ أَقْرَبَهُمْ مِنْكَ
مَقْعَداً
وَ أَوْجَهَهُمْ عِنْدَكَ يَوْمَ الْقِيَامَةِ جَاهاً وَ أَفْضَلَهُمْ
عِنْدَكَ مَنْزِلَةً وَ نَصِيباً
اللَّهُمَّ أَعْطِ مُحَمَّداً أَشْرَفَ
الْمَقَامِ وَ حِبَاءَ السَّلاَمِ وَ شَفَاعَةَ الْإِسْلاَمِ
اللَّهُمَّ وَ
أَلْحِقْنَا بِهِ غَيْرَ خَزَايَا وَ لاَ نَاكِثِينَ وَ لاَ نَادِمِينَ وَ
لاَ
مُبَدِّلِينَ إِلَهَ الْحَقِّ آمِين
|
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नजफ़ में पढ़ी जाने वाली ज़्यारत |
घर से निकलते वक़्त पढ़ें |
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अल्लाहुम्मा इन्नी खराज्तो मिन मंज़ेली अबग़ी फ़ज़लका
व अज़ूरू
वसिया नबी'एका सलावातोका अलय्हेमा
अल्लाहुम्मा
फ़'यस्सिर ज़ा'लेका ली व सब'बेबील
मज़ारा लहू वख़-लुफ्नीफी आकेबती व होज़ाना
ती बे-अह्सानिल
खेलाफाते य़ा अर्हमर
राहेमीना
.. |
اللَّهُمَّ
إِنِّي خَرَجْتُ (تَوَجَّهْتُ) مِنْ مَنْزِلِي أَبْغِي
فَضْلَكَ وَ أَزُورُ وَصِيَّ نَبِيِّكَ صَلَوَاتُكَ
عَلَيْهِمَا
اللَّهُمَّ
فَيَسِّرْ ذَلِكَ لِي وَ سَبِّبِ الْمَزَارَ لَهُ وَ اخْلُفْنِي فِي
عَاقِبَتِي وَ
حُزَانَتِي بِأَحْسَنِ الْخِلاَفَةِ يَا أَرْحَمَ
الرَّاحِمِين
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जब हरम-ए-मुबारक की तरफ़ जा रहे हों तो पढ़ें |
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अलहम्दो लिल्लाहे व सुभान'अल्लाहे व ला इलाहा इल्लाल'लाहो |
الْحَمْدُ
لِلَّهِ و سُبْحَانَ اللَّهِ و لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّه |
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कूफ़ा की खाई पर पढ़ें |
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अल्लाहो अकबरो अल्लाहो अकबरो अहलुल किब्रेया-इ वल मज्दे वल
अज़मते अल्लाहो अकबरो अहलुत तक्बीरे वत तकदीसे वत तस्बीहे
वल
आला-इ अल्लाहो अकबरो मिम्मा अखाफो व अह्ज़रो
अल्लाहो
अकबरो
इ’मादी व अलय्हे अतावक्काल
अल्लाहो अकबरो
रजा-ई
व
एलाय्हे ओनीबो अल्लाहुम्मा अंत वालिय्यो ने’-मती वल कादेरू
अ’ला
तालेबती ता’-लमो हाजती वामा तुज़्मेरोहू हवा'जेसुस
सोदूरे
व
खावा
तेरून नोफूसे फ़-अस-अलोका बे मोहम्मादेनिल
मुस्तफल
लज़ी
कता’-ता बेहि होजाजल
मोह्ताज्जीना व उ’ज़रल
मोया-ताज़ेरीना
व जा-अ’ल्ताहू रहमतल
लील
आलामीना अन ला तह'रिम्नी
सवाबा
ज़ेयाराते
वालिय्येका व अखी नाबियेका अमीरिल मोमिनीना व
क़स्दाहू
व
तज-अलानी मिन वफ्देहिस सालेहीना व शी-अतेहिल मुत्ता'क़ीना
बेरहमतेका
या अर्हमर राहेमीना |
اللَّهُ
أَكْبَرُ
اللَّهُ أَكْبَرُ أَهْلُ (أَهْلَ) الْكِبْرِيَاءِ وَ
الْمَجْدِ وَ
الْعَظَمَة
اللَّهُ أَكْبَرُ أَهْلُ (أَهْلَ) التَّكْبِيرِ وَ
التَّقْدِيسِ وَ
التَّسْبِيحِ وَ الْآلاَءِ اللَّهُ أَكْبَرُ مِمَّا أَخَافُ وَ أَحْذَرُ
اللَّهُ
أَكْبَرُ عِمَادِي وَ عَلَيْهِ أَتَوَكَّلُ اللَّهُ
أَكْبَرُ رَجَائِي وَ إِلَيْهِ
أُنِيْب
اللَّهُمَّ أَنْتَ وَلِيُّ نِعْمَتِي وَ الْقَادِرُ عَلَى
طَلِبَتِي
تَعْلَمُ حَاجَتِي وَ مَا تُضْمِرُهُ هَوَاجِسُ الصُّدُورِ
وَ خَوَاطِرُ
النُّفُوسِ
فَأَسْأَلُكَ بِمُحَمَّدٍ الْمُصْطَفَى الَّذِي قَطَعْتَ
بِهِ
حُجَجَ الْمُحْتَجِّينَ وَ عُذْرَ الْمُعْتَذِرِينَ وَ
جَعَلْتَهُ رَحْمَةً
لِلْعَالَمِينَ
أَنْ لاَ تَحْرِمَنِي ثَوَابَ زِيَارَةِ وَلِيِّكَ وَ أَخِي
نَبِيِّكَ أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ وَ قَصْدَه
ُوَ
تَجْعَلَنِي مِنْ وَفْدِهِ
الصَّالِحِينَ وَ شِيعَتِهِ الْمُتَّقِينَ بِرَحْمَتِكَ يَا
أَرْحَمَ
الرَّاحِمِين
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जैसे ही गुम्बद नज़र आने लगे,
तो पढ़ें
: |
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अलहम्दो लिल्लाहे अ’ला मख-तस'सनी
बेहि मिन तिबिल मौलेदे
वस-तख्लासनी इक्रामन बेहि मिन मवालातिल अबरारिस
सफरतिल
अतहारे वल खेयारातिल आ’-लामे
अल्लाहुम्मा
फ़'तक़ब्बल सा’-यी
एलायका व ताज़र्रो –इ’इ बयना
यदायका वग़'फिरले
अज़ ज़ोनूबल
लती
ला तख्फ़ा अ’लयक
इन्नका अंतल'लाहुल मालेकुल
गफ़'फ़ारो ..
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الْحَمْدُ لِلَّهِ
عَلَى مَا اخْتَصَّنِي بِهِ مِنْ طِيبِ الْمَوْلِدِ
وَ اسْتَخْلَصَنِي
إِكْرَاماً بِهِ مِنْ مُوَالاَةِ الْأَبْرَارِ السَّفَرَةِ
الْأَطْهَارِ وَ
الْخِيَرَةِ الْأَعْلاَم
اللَّهُمَّ فَتَقَبَّلْ سَعْيِي إِلَيْكَ وَ
تَضَرُّعِي بَيْنَ يَدَيْك
وَ اغْفِرْ لِيَ الذُّنُوبَ الَّتِي لاَ تَخْفَى
عَلَيْكَ إِنَّكَ أَنْتَ اللَّهُ الْمَلِكُ الْغَفَّارِ |
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नजफ़ अशरफ़ के दरवाज़े पर पहुँचने पर पढ़ें: |
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अलहम्दो लिल्लाहिल'लज़ी हदाना लिहाज़ा व मा कुन्ना
ले-नह्तादेया
लौला अन हदा'नल्लाहो
अलहम्दो लिल्लाहिल'लज़ी
सय्या'रनी
फ़ी
बेलादेही व
हमलनी अ’ला दवा'अब्बेही व तवा लेयल बा-इ’यदा व
सरफ़ा
अ’निल मह्ज़ूरा व दफ़ा-अ’
अ’निल मकरूहा हत्ता
अक़दा'मणी हरमा
अखी
रसूलेही सल्लल्लाहो अलय्हे व आलेही.. |
الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي
هَدَانَا لِهَذَا وَ مَا كُنَّا لِنَهْتَدِيَ لَوْ لاَ أَنْ
هَدَانَا
اللَّه
الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي سَيَّرَنِي فِي بِلاَدِهِ وَ
حَمَلَنِي
عَلَى دَوَابِّه
وَ طَوَى لِيَ الْبَعِيدَ وَ صَرَفَ عَنِّي الْمَحْذُورَ وَ
دَفَعَ عَنِّي الْمَكْرُوه
حَتَّى أَقْدَمَنِي حَرَمَ أَخِي رَسُولِهِ صَلَّى
اللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ |
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जब शहर में दाख़िल हों तो,
पढ़ें |
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अलहम्दो लिल्लाहिल'लज़ी अदखलानी हाज़िहिल बुक़-अ’तिल
मुबाराकतिल
लती बा-रकल'लाहो फ़ीहा वख़-ताराहा
ले'वसिय्ये
नबिय्येही अल्लाहुम्मा फ़ज-अ’लहा शाहेदन ली |
الْحَمْدُ
لِلَّهِ الَّذِي أَدْخَلَنِي هَذِهِ
الْبُقْعَةَ الْمُبَارَكَةَ الَّتِي بَارَكَ اللَّهُ فِيهَا
وَ اخْتَارَهَا
لِوَصِيِّ نَبِيِّهِ اللَّهُمَّ فَاجْعَلْهَا شَاهِدَةً لِي
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हरम-ए-मुबारक के पहले दरवाज़े पर पढ़ें
: |
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अल्लाहुम्मा लेबाबेका वक़फ्तो व बेफ़ेना-एका नज़ल्तो व
बेहब्लेका’
तसम्तो व ले'रहमतेका ता-अ’र्रज्तो व
बेवलिय्येका
सलावातोका
अलय्हे तवस'सलतो फ़ज-अ’लहा
ज़ेयारतन मकबूलातन व
दो-अ’आ-अन मुस्ताजाबन |
اللَّهُمَّ لِبَابِكَ وَقَفْتُ
وَ بِفِنَائِكَ نَزَلْتُ وَ بِحَبْلِكَ اعْتَصَمْتُ وَ
لِرَحْمَتِكَ
تَعَرَّضْتُ
وَ بِوَلِيِّكَ صَلَوَاتُكَ عَلَيْهِ تَوَسَّلْتُ
فَاجْعَلْهَا
زِيَارَةً مَقْبُولَةً وَ دُعَاءً مُسْتَجَابا
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सेहन के पहले दरवाज़े पर पढ़ें
: |
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अल्लाहुम्मा इन्ना हाज़ल हरमा हरामोका वल मक़ामा
मक़ामोका
व
अन्ना अद्खोलो एलय्हे ओनाजीका बेमा अन्ता
अ-अ’लमो बेहि
मिन्नी
व मिन सिर्री व नाज्वाया अलहम्दो
लिल्लाहिल हन्नानिल-मन्नानिल
मोता-तव्वेलिल लज़ी मिन
ता-तव्वोलेही सह'हाला ली ज़ेयारता
मौलाया
बे एह्सानेही व
लम यज़-अ’ल्नीया’न ज़ेयारातेही मम'नूअन व
ला
अन
वेलायातेही मद्फ़ूअ’न बल तत्व'वला व मनहा
अल्लाहुम्मा कमा मनंता
अ’ल्या बे मा’रेफ़तेही फ़ज-अ’लनी
मिन शीया’तेहि व अदखिलनिल
जन्नता बे शफा-अतेहि या
अर्हमर राहेमीना .. |
اللَّهُمَّ إِنَّ هَذَا
الْحَرَمَ حَرَمُكَ وَ الْمَقَامَ مَقَامُكَ
وَ أَنَا أَدْخُلُ إِلَيْهِ
أُنَاجِيكَ بِمَا أَنْتَ أَعْلَمُ بِهِ مِنِّي وَ مِنْ
سِرِّي وَ
نَجْوَايَ
الْحَمْدُ لِلَّهِ الْحَنَّانِ الْمَنَّانِ الْمُتَطَوِّلِ
الَّذِي
مِنْ تَطَوُّلِهِ سَهَّلَ لِي زِيَارَةَ مَوْلاَيَ بِإِحْسَانِهِ
وَ لَمْ
يَجْعَلْنِي عَنْ زِيَارَتِهِ مَمْنُوعاً وَ لاَ عَنْ
وِلاَيَتِهِ مَدْفُوعاً بَلْ
تَطَوَّلَ وَ مَنَحَ
اللَّهُمَّ كَمَا مَنَنْتَ عَلَيَّ بِمَعْرِفَتِهِ
فَاجْعَلْنِي مِنْ شِيعَتِهِ وَ أَدْخِلْنِي الْجَنَّةَ
بِشَفَاعَتِهِ يَا أَرْحَمَ
الرَّاحِمِينَ
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सेहन में दाख़िल होने के बाद पढ़ें |
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अलहम्दो लिल्लाहिल'लज़ी अक्रमनी बेमारेफ़तेही व मारेफ़ते
रसूलेही
व
मन फरज़ा अलय्या ता-अताहू रहमतन
मिन्हो ली व
तत्व'वोलन
मिन्हो
अलय्या व मन्ना अलय्या
बिल इमाने
अलहम्द
लिल्लाहिल'लज़ी
अद'
खलनी हरमा
अखी रसूलेही व अरानीहे
फ़ी
आफियतिन अलहम्दो
लिल्लाहिल'लज़ी जा-अ’लनी मिन ज़ुव'वारे क़ब्रे
वसिय्ये रसूलेही अशहदों
अन ला इलाहा इल्लाल'लाहो
वह्दहू ला शरीका लहू व अशहदों
अन्ना
मोहम्मदन
अब्दोहू व रसूलोहू जा-अ बिल हक़'केमिन
इन्दिल्लाहे व
अश-हदों अन्ना अली'यन अब्दुल'लाहे व अखू रसूलिल'लाहे
अल्लाहो अकबरो
अल्लाहो अकबरो
अल्लाहो अकबरो
ला इलाहा इल्लल'लाहो वल्लाहो अकबरो वल हम्दो लिल्लाहे
अला
हेदायातेही व तौफीक़ेहि लेमा दा-अ’अ एलय्हे मिन सबीलेही
अल्लाहुम्मा
इन्नका अफ्ज़लो मक्सूदिन व अक्रमो माती'ईन
व क़द
अतए'तोका
मोताक़र'रेबन एलयका बे'नबिय्येका नबिय्यिर
रहमते व बे-अखीहें
अमीरिल मोमिनीना अली'यिब्ने अबी
तालेबीन अलय्हेमस
सलामो
फ़सल्ले अला मोहम्मदीन व
आले मोहम्मदीन व ला
तोख़ा'येब
सा’-यी वन'ज़ुर एलय्या
नज्रतन रहीमतन तन-अ’शोनी बेहा वज-अल्नी
इंदाका
वजीहन फिद दुन्या वल आखेरते व मेनल मोक़र'रबीना .. |
الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَكْرَمَنِي بِمَعْرِفَتِهِ وَ
مَعْرِفَةِ رَسُولِهِ وَ مَنْ فَرَضَ عَلَيَّ طَاعَتَهُ
رَحْمَةً مِنْهُ لِي وَ
تَطَوُّلاً مِنْهُ عَلَيَّ وَ مَنَّ عَلَيَّ بِالْإِيمَانِ
الْحَمْدُ لِلَّهِ
الَّذِي أَدْخَلَنِي حَرَمَ أَخِي رَسُولِهِ وَ أَرَانِيهِ
فِي عَافِيَةٍ الْحَمْدُ
لِلَّهِ الَّذِي جَعَلَنِي مِنْ زُوَّارِ قَبْرِ وَصِيِّ
رَسُولِه
أَشْهَدُ
أَنْ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَحْدَهُ لاَ شَرِيكَ لَهُ
وَ أَشْهَدُ أَنَّ
مُحَمَّداً عَبْدُهُ وَ رَسُولُه
جَاءَ بِالْحَقِّ مِنْ عِنْدِ اللَّهِ وَ
أَشْهَدُ أَنَّ عَلِيّاً عَبْدُ اللَّهِ وَ أَخُو رَسُولِ اللَّهِ
اللَّهُ
أَكْبَرُ
اللَّهُ أَكْبَرُ
اللَّهُ أَكْبَرُ
لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَ اللَّهُ
أَكْبَرُ
وَ الْحَمْدُ لِلَّهِ عَلَى هِدَايَتِهِ وَ تَوْفِيقِهِ
لِمَا دَعَا
إِلَيْهِ مِن
سَبِيلِه
اللَّهُمَّ إِنَّكَ أَفْضَلُ مَقْصُودٍ وَ أَكْرَمُ
مَأْتِيٍّ وَ قَدْ أَتَيْتُكَ مُتَقَرِّباً إِلَيْكَ
بِنَبِيِّكَ نَبِيِّ
الرَّحْمَة
وَ بِأَخِيهِ أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ عَلِيِّ بْنِ أَبِي طَالِبٍ
عَلَيْهِمَا السَّلاَمُ
فَصَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ وَ لاَ
تُخَيِّبْ سَعْيِي وَانْظُرْ إِلَيَّ نَظْرَةً رَحِيمَةً
تَنْعَشُنِي بِهَا
وَ
اجْعَلْنِي عِنْدَكَ وَجِيهاً فِي الدُّنْيَا وَ الْآخِرَةِ
وَ مِنَ
الْمُقَرَّبِين
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बरामदा (रिवाक़) में
रुक कर पढ़ें
: |
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अस्सलामो अला रसूलिल'लाहे अमीनिल'लाही अला वहयेही
व अज़ा-एमे
अम्रेहिल ख़ा'तेमे लेमा सबक़ा वल फ़ातेहे
लेमस-तुक्बेला
वल
मोहय'मेने
अला ज़ालेका कुल्लेही व
रहमतुल'लाहे व बरकातोहू .
अस्सलामो अला
साहेबिस सकीनते अस्सलामो अलल मद्फूने बिल मदीनत
अस्सलामो
अलल
मंसूरिल मो-अय्यादे
अस्सलामो अल अबिल क़ासेमे मोहम्मद'
इब्ने
अब्दिल'लाहे व रहमतुल'लाहे व बरकातोहू |
السَّلاَمُ عَلَى رَسُولِ
اللَّهِ أَمِينِ اللَّهِ عَلَى وَحْيِهِ وَ عَزَائِمِ
أَمْرِهِ
الْخَاتِمِ
لِمَا سَبَقَ وَ الْفَاتِحِ لِمَا اسْتُقْبِلَ وَ
الْمُهَيْمِنِ عَلَى ذَلِكَ
كُلِّهِ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ عَلَى صَاحِبِ
السَّكِينَةِ السَّلاَمُ عَلَى الْمَدْفُونِ بِالْمَدِينَةِ
السَّلاَمُ عَلَى
الْمَنْصُورِ الْمُؤَيَّدِ
السَّلاَمُ عَلَى أَبِي الْقَاسِمِ مُحَمَّدِ بْنِ
عَبْدِ اللَّهِ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُه
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"हरम
मुबारक में बरामदे से अन्दर (पहले दाहिना पैर रखें) जाने के पहले
दरवाज़े में रुक कर पढ़ें
: |
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अश-हदों अन ला इलाहा इल्लल'लाहो वह्दहू ला शरीका
लहू व
अश-हदों
अन्ना मोहम्मदन अब्दोहू व रसूलोहू
जा-अ बिल'हक्क़े मिन
इ’न्देही व
सद'दक़ल मुर्सलीना
अस्सलामो अलयका या रसूलल'लाहे ..
अस्सलामो अलयका या हबीबल'लाहे व खेया'रताहु मिन खल्केही
अस्सलामो अला
अमीरिल मोमिनीना अब्दिल'लाहे व अखी रसूलिल'लाहे या मौलाया
या
अमीरल मोमिनीना
अब्दोका वब्नो अब्देका वब्नो अमतेका जा-अक मुस्तजीरण
बेज़िम'मतेका क़ासेदन एला हरामेका मुतावाज'जेहन
एला
मक़ामेका
मुतावास'सेलन एलल' लाहे ता-अ’अला बेका
अ-अद्खोलो या
मौलाया अ-अद्खोलो या अमीरल मोमिनीन
अ-अद्खोलो या
हुज्जतल'
लाहे अ-अद्खोलो या अमीनल'लाहे
अ-अद्खोलो या
मला-एकतिल'
लाहिल
मोक़ी'मीना फ़ी हाज़ल
मश-हदे या मौलाया अ-ताज़नो ली
बिड
दोखूले अफ्ज़ला
मा अज़ीनता ले-अहदीन मिन औलिया-एका फ़-इन
लम
अकुन लहू
अहलन फ़-अन्ता अहलुंन लेज़ालेका .. |
أَشْهَدُ أَنْ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَحْدَهُ لاَ
شَرِيكَ
لَهُ
وَ أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّداً عَبْدُهُ وَ رَسُولُهُ جَاءَ
بِالْحَقِّ
مِنْ عِنْدِهِ وَ صَدَّقَ الْمُرْسَلِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا رَسُولَ
اللَّهِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا حَبِيبَ اللَّهِ وَ
خِيَرَتَهُ مِنْ
خَلْقِه
السَّلاَمُ عَلَى أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ عَبْدِ اللَّهِ وَ
أَخِي
رَسُولِ اللَّه
يَا مَوْلاَيَ يَا أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ عَبْدُكَ وَ
ابْنُ
عَبْدِكَ وَ ابْنُ أَمَتِكَ جَاءَكَ مُسْتَجِيراً بِذِمَّتِك
قَاصِداً إِلَى
حَرَمِكَ مُتَوَجِّهاً إِلَى مَقَامِكَ مُتَوَسِّلاً إِلَى
اللَّهِ تَعَالَى
بِكَ
أَ أَدْخُلُ يَا مَوْلاَيَ أَ أَدْخُلُ يَا أَمِيرَ
الْمُؤْمِنِينَ أَ
أَدْخُلُ يَا حُجَّةَ اللَّهِ أَ أَدْخُلُ يَا أَمِينَ اللَّهِ
أَ أَدْخُلُ يَا
مَلاَئِكَةَ اللَّهِ الْمُقِيمِينَ (الْمُقَرَّبِينَ) فِي هَذَا
الْمَشْهَدِ
يَا
مَوْلاَيَ أَ تَأْذَنُ لِي بِالدُّخُولِ أَفْضَلَ مَا أَذِنْتَ
لِأَحَدٍ
مِنْ
أَوْلِيَائِكَ فَإِنْ لَمْ أَكُنْ لَهُ أَهْلاً فَأَنْتَ
أَهْلٌ
لِذَلِك
|
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जब हरम-ए-मुबारक में दाख़िल होने लगें तो पहले दाहिना पैर आगे बढ़ाएं,
और कहें : |
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बिस्मिल्लाहे व बिल्लाहे व फ़ी सबीलिल'लाहे व अल
मिल'लते
रसूलिल'
लाहे सल्लल्लाहो अलय्हे व आलेही
अल्ला'हुम्मग
फ़िर
ली
वर-हमनी व तुब अलय्या इन्नका
अंतत तव्वा'बुर रहीमो |
بِسْمِ اللَّهِ وَ
بِاللَّهِ وَ فِي سَبِيلِ اللَّهِ وَ عَلَى مِلَّةِ رَسُولِ
اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ
عَلَيْهِ وَ آلِهِ
اللَّهُمَّ اغْفِرْ لِي وَ ارْحَمْنِي وَ تُبْ عَلَيَّ
إِنَّكَ أَنْتَ التَّوَّابُ الرَّحِيم
|
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जब ज़रीह-मुबारक से
कुछ क़दम पीछे खादें हों तो पढ़ें
: |
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अस्सलामो मेनल'लाहे अला मोहम्मदीन रसूलिल'लाहे
अमीनिल'लाहे अला वह'येही व रेसा'लतेही व अज़ा-एमे
अम्रेही व मा’-देनिल वहये व तन'ज़ीलिल ख़ा'तेमे लेमा
सबक़ा वल फ़ातेहे लेमस-तुक़'बेला वल मोहा'य्मेने अला ..
ज़ालेका कुल'लेहिश शाहेदे अलल ख़ल'क़िस सेराजिल मोनीरे
वस'सलामो अलय्हे व रहमतुल'लाहे व बरकातोहू
अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन व अहले बय्तेहिल
मज़्लूमीना अफ्ज़ला व अक्मला व अरफ़ा-अ’
व अशरफा मा
सल'लय्ता अला अहदीन मिन अम्बेया-एका व रोसोलेका व
अस्फ़ेया-एका …
अल्लाहुम्मा सल्ले अला अमीरिल मोमिनीना अब्देका व
खैरे ख़ल'क़ेका बा’दा नबिय्येका व अखी रसूलेका व
वसिय्ये हबीबेकल लज़ीन-ताजब्ताहू मिन खल्क़ेका
वद-दलीले अला मन बा-अ’स-तहु बेरेसा'लातेका व दय्यानिद
दीने बे-अद्लेका व फासले क़ज़ा-एका बयना खल्क़ेका
वस्सलामो अलय्हे व रहमतुल'लाहे व बरकातोहू
अल्लाहुम्मा सल्ले अलल अ-इम्मातेमिन वुल्देहिल क़व्वा'मीना
बे-अमरेका मिन बा’-देहिल मोतह'हरीनल लज़ी'नर
ताज़े'तहुम अन्सारण ले-दीनेका व हफाज़तन ले सिर्रेका व
शोहदा-अ अला खल्क़ेका व आ’-लामन ले-
इ’बादेका
सलावातोका अलय्हीम अज्माइन
..
अस्सलामो अला अमीरिल मोमिनीना अली'इब्ने अबी तालेबीन
वसिये रसूलिल'लाहे व ख़ली'फ़तेही वल क़ा-एमे
बे-अम्रेही मिन बा’-देहि सैय्येदिल वसी'ईन व रहमतुल'लाहे
व बरकातोहू…
अस्सलामो अला फ़ातेमता बीनते रसूलिल'लाहे सलल'लाहो
अलय्हे व आलेही सैय्येदते नेसा-इल अ’अलामीना
अस्सलामो अलल हसने वल हुसय्ने सैय्येदय शबाबे अहलिल
जन्नते मेनल खल्के अजमा-इ’इना …..
अस्सलामो अलल
अ-इम्मतिर राशेदीना
अस्सलामो अलल
अम्बेया-इ वल मुर्सलीना
अस्सलामो अलल
अ-इम्मतिल मुस्तौदे-इ’इना
अस्सलामो अला ख़ास'सतील'लाहे मिन खल्केही
अस्सलामो अलल
मोतावस'सेमीना ..
अस्सलामो अलल
मोमिनीनल लज़ीना क़ामू बे-अमरेही व
वाज़ारू औलिया-अल्लाहे व खाफ़ू बेखौफेहीम
अस्सलामो अलल
मला-एकतिल मोक़र'रबीना
अस्सलामो अलैना व अला एबादिल'लाहिस सालेहीना..
|
السَّلاَمُ مِنَ
اللَّهِ عَلَى مُحَمَّدٍ رَسُولِ اللَّهِ
أَمِينِ اللَّهِ عَلَى وَحْيِهِ وَ
رِسَالاَتِهِ وَ عَزَائِمِ أَمْرِهِ وَ مَعْدِنِ الْوَحْيِ
وَ
التَّنْزِيلِ
الْخَاتِمِ لِمَا سَبَقَ وَ الْفَاتِحِ لِمَا اسْتُقْبِلَ
وَ
الْمُهَيْمِنِ عَلَى ذَلِكَ كُلِّهِ الشَّاهِدِ عَلَى
الْخَلْقِ
السِّرَاجِ
الْمُنِيرِ وَ السَّلاَمُ عَلَيْهِ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ
بَرَكَاتُهُ
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ أَهْلِ بَيْتِهِ
الْمَظْلُومِينَ
أَفْضَلَ وَ أَكْمَلَ وَ أَرْفَعَ وَ أَشْرَفَ مَا
صَلَّيْتَ
عَلَى أَحَدٍ مِنْ أَنْبِيَائِكَ وَ رُسُلِكَ وَ
أَصْفِيَائِكَ
اللَّهُمَّ
صَلِّ عَلَى أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ عَبْدِكَ وَ خَيْرِ
خَلْقِكَ بَعْدَ نَبِيِّكَ
وَ أَخِي رَسُولِكَ
وَ وَصِيِّ حَبِيبِكَ الَّذِي انْتَجَبْتَهُ مِنْ خَلْقِكَ
وَ الدَّلِيلِ عَلَى مَنْ بَعَثْتَهُ بِرِسَالاَتِكَ
وَ دَيَّانِ الدِّينِ
بِعَدْلِكَ وَ فَصْلِ قَضَائِكَ بَيْنَ خَلْقِكَ وَ
السَّلاَمُ عَلَيْهِ وَ
رَحْمَةُ اللَّهِ وَ بَرَكَاتُهُ
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى الْأَئِمَّةِ مِنْ
وُلْدِهِ الْقَوَّامِينَ بِأَمْرِكَ مِنْ بَعْدِهِ
الْمُطَهَّرِينَ
الَّذِينَ
ارْتَضَيْتَهُمْ أَنْصَاراً لِدِينِكَ وَ حَفَظَةً
لِسِرِّكَ وَ شُهَدَاءَ عَلَى
خَلْقِكَ وَ أَعْلاَماً لِعِبَادِكَ صَلَوَاتُكَ عَلَيْهِمْ
أَجْمَعِينَ
السَّلاَمُ عَلَى أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ عَلِيِّ بْنِ
أَبِي
طَالِبٍ وَصِيِّ رَسُولِ اللَّهِ وَ خَلِيفَتِهِ
وَ الْقَائِمِ بِأَمْرِهِ مِنْ
بَعْدِهِ سَيِّدِ الْوَصِيِّينَ وَ رَحْمَةُ اللَّهِ وَ
بَرَكَاتُهُ
السَّلاَمُ
عَلَى فَاطِمَةَ بِنْتِ رَسُولِ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ
عَلَيْهِ وَ آلِهِ
سَيِّدَةِ نِسَاءِ الْعَالَمِينَ
السَّلاَمُ عَلَى الْحَسَنِ وَ الْحُسَيْنِ
سَيِّدَيْ شَبَابِ أَهْلِ الْجَنَّةِ مِنَ الْخَلْقِ
أَجْمَعِينَ
السَّلاَمُ
عَلَى الْأَئِمَّةِ الرَّاشِدِينَ السَّلاَمُ عَلَى
الْأَنْبِيَاءِ وَ
الْمُرْسَلِينَ السَّلاَمُ عَلَى الْأَئِمَّةِ
الْمُسْتَوْدَعِينَ
السَّلاَمُ
عَلَى خَاصَّةِ اللَّهِ مِنْ خَلْقِهِ السَّلاَمُ عَلَى
الْمُتَوَسِّمِينَ
السَّلاَمُ عَلَى الْمُؤْمِنِينَ الَّذِينَ قَامُوا
بِأَمْرِهِ وَ وَازَرُوا أَوْلِيَاءَ اللَّهِ وَ خَافُوا
بِخَوْفِهِمْ
السَّلاَمُ عَلَى الْمَلاَئِكَةِ الْمُقَرَّبِينَ
السَّلاَمُ
عَلَيْنَا وَ عَلَى عِبَادِ اللَّهِ
الصَّالِحِينَ
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ज़ियारत –ए-मूतलक़ह |
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अस्सलामो अलयका य़ा अमीरल मोमिनीना
अस्सलामो अलयका य़ा
हबीबल्लाहे
अस्सलामो अलयका य़ा
सफ्वातल'लाहे..
अस्सलामो अलयका य़ा
वलियल'लाहे
अस्सलामो अलयका य़ा
हुज्जतल'लाहे
अस्सलामो अलयका य़ा
एमामल होदा
अस्सलामो अलयका य़ा
अलामत तोक़ा ..
अस्सलामो अलयका अय्योहल वसियुल बर्रुत तक़ी'युन
नक़ी'युल वफियो
अस्सलामो अलयका य़ा
अबल हसने वल हुसय्ने
अस्सलामो अलयका य़ा
अ’मुदद दीन
अस्सलामो अलयका य़ा
सैय्येदल वसी'ईना व अमीना
रब्बिल आलामीना ..
व दैयाना यौमिद दीने व खैरल मोमिनीना व
सैयेदस सिद्दी'क़ीना व सफ्वता मिन सोला'लातिन नबी'ईना व
बाबा हिकमते रब्बिल आलामीना व खाज़ेना वहयेही व
अ'य्बता इ’ल्मेही वन नासेहा ले-उम्मता नबी'येही वत-तालेया
लेरसूलेही वल मोवा'सेया लहू बेनफ्सेही वन नातेक़ा ..
बे
हुज्जतेही व दा-ए’य़ा इला शरी'अ-तेहि वल माज़ेया अला सुनना'तेहि
अल्ला'हुम्मा इनने अश-हदों अन्नहु क़द बल'लगा अन रसूलेका
मा हुम्मेला व रा-अ’अ मास-तोह्फेज़ा व हफेज़ा मस-तूदे-अ’
व हल्लाला हलालका व हर'रमा हरामका व अक़ामा
अह्कामका व जाहादन नाके'सीना फ़ी सबीलेका वल
क़ास'तीना फ़ी हुक्मेका वल मारे'क़ीना अन अमरेका साबेरण
मोह्तासेबन ला ता'खो'ज़ोहू फीका लौमतो ला-एम् …
अल्लाहुम्मा सल्ले अलय्हे अफ्ज़ला मा सल'लेता अला अहदीन
मिन औलिया-एका व अस्फ़ेया-एका व औसेया-ए अम्बेया-एका
अल्लाहुम्मा हाज़ा क़ब्रो वली'एकल लज़ी फ़र्ज़'ता
ता-अताहू व जा-अलता फ़ी आ’-नाके ए’बादेका मोबाय –अताहू
व खलीफा'तेकल लज़ी बेहि ताखोज़ो व तोअ’-ती व बेहि
तोहीबो व तो-अ’अक़ेबो व क़द क़सद'तोहू तमा-अन लेमा
आ’-दद-तहु ले-औलिया-एका फ़बे-अज़ीमें क़द'रेही इनदका व
जलीले ख़त'अरेही लदयका व क़ुर्बा मंज़े'लतेही मिनका सल्ले
अला मोहम्मदीन व आले मोहम्मद वफ़-अल बी मा अन्ता
अहलोहू फ़-इन्नका अहलुल करमे वल जुड़े वस'सलामो
अलयका या मौलाया व अला जाजी-अ’यका आदमा व नूहीन
व रहमतुल'लाहे व बरकातोहू …
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السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
أَمِيرَ الْمُؤْمِنِينَ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا حَبِيبَ
اللَّهِ السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا صَفْوَةَ اللَّهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا وَلِيَّ اللَّهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا حُجَّةَ اللَّهِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا إِمَامَ
الْهُدَى السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا عَلَمَ التُّقَى
السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا
الْوَصِيُّ الْبَرُّ التَّقِيُّ النَّقِيُّ الْوَفِيُ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
أَبَا الْحَسَنِ وَ الْحُسَيْنِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا عَمُودَ الدِّينِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا سَيِّدَ الْوَصِيِّينَ
وَ أَمِينَ رَبِّ الْعَالَمِينَ
وَ دَيَّانَ يَوْمِ الدِّينِ وَ خَيْرَ الْمُؤْمِنِينَ وَ
سَيِّدَ
الصِّدِّيقِينَ
وَ الصَّفْوَةَ مِنْ سُلاَلَةِ النَّبِيِّينَ وَ بَابَ
حِكْمَةِ
رَبِّ الْعَالَمِينَ وَ خَازِنَ وَحْيِهِ وَ عَيْبَةَ
عِلْمِهِ وَ النَّاصِحَ
لِأُمَّةِ نَبِيِّهِ
وَ التَّالِيَ لِرَسُولِهِ وَ الْمُوَاسِيَ لَهُ
بِنَفْسِهِ وَ النَّاطِقَ بِحُجَّتِهِ وَ الدَّاعِيَ إِلَى
شَرِيعَتِهِ وَ
الْمَاضِيَ عَلَى سُنَّتِهِ
اللَّهُمَّ إِنِّي أَشْهَدُ أَنَّهُ قَدْ بَلَّغَ
عَنْ رَسُولِكَ مَا حُمِّلَ وَ رَعَى مَا اسْتُحْفِظَ وَ
حَفِظَ مَا
اسْتُوْدِعَ
وَ حَلَّلَ حَلاَلَكَ وَ حَرَّمَ حَرَامَكَ وَ أَقَامَ
أَحْكَامَكَ
وَ جَاهَدَ النَّاكِثِينَ فِي سَبِيلِكَ وَ الْقَاسِطِينَ
فِي
حُكْمِكَ وَ الْمَارِقِينَ عَنْ أَمْرِكَ صَابِراً
مُحْتَسِباً لاَ تَأْخُذُهُ
فِيكَ لَوْمَةُ لاَئِمٍ
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَيْهِ أَفْضَلَ مَا صَلَّيْتَ
عَلَى أَحَدٍ مِنْ أَوْلِيَائِكَ وَ أَصْفِيَائِكَ وَ
أَوْصِيَاءِ
أَنْبِيَائِكَ
اللَّهُمَّ هَذَا قَبْرُ وَلِيِّكَ الَّذِي فَرَضْتَ
طَاعَتَهُ
وَ جَعَلْتَ فِي أَعْنَاقِ عِبَادِكَ مُبَايَعَتَهُ
وَ خَلِيفَتِكَ الَّذِي
بِهِ تَأْخُذُ وَ تُعْطِي وَ بِهِ تُثِيبُ وَ تُعَاقِبُ
وَ قَدْ قَصَدْتُهُ
طَمَعاً لِمَا أَعْدَدْتَهُ لِأَوْلِيَائِكَ فَبِعَظِيمِ
قَدْرِهِ عِنْدَكَ وَ
جَلِيلِ خَطَرِهِ لَدَيْكَ وَ قُرْبِ مَنْزِلَتِهِ مِنْكَ
صَلِّ عَلَى
مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ وَ افْعَلْ بِي مَا أَنْتَ
أَهْلُهُ
فَإِنَّكَ
أَهْلُ الْكَرَمِ وَ الْجُودِ وَ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
مَوْلاَيَ وَ عَلَى
ضَجِيعَيْكَ آدَمَ وَ نُوحٍ وَ رَحْمَةُ
اللَّهِ
وَ بَرَكَاتُهُ
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अब ज़रीह-ए-मुबारक क़ो चूमें और मुक़द्दस क़ब्र के सिरहाने खड़े होकर कहें
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या मौलाया एलायका वोफूदी व बेका अतावास'सलो एला ..
रब्बी फ़ी बोलुगे मक्सूदी व अशहदो अन्नल
मोतावास्सेला बेका गैरो ख़ा-एबिन वत तालेबा बेका अन
मा-रेफतिन गैरो मर्दूदीन इल्ला बेक़ज़ा-ए हवा-एजेही
फ़कुन ली शफी-अन एलल'लाहे रब्बेका व रब्बी फ़ी
क़ज़ा-ए हवा-एजे व तयसीरे ओमूरी व कश्फे शिद'दती
व गुफराने जंबी व सा-अ’ते रिज़्की व तत्वीले उमरी व
या’-ता-एसो –ऊली फ़ी आखेरती व दुन्याया ..
अल्लाहुम्मल –अन क़ता'लता
अमीरिल मोमिनीना
अल्लाहुम्मल –अन क़ता'लतल हसने वल हुसैने
अल्लाहुम्मल –अन क़ता''लतल अ-इम्माते व अ’ज्ज़िभुम अज़ाबन
अलीमन ला तो-अ’ज़ीबोहू
अहदन मेनल आलामीना अज़ाबन
कसीरण लन-क़ेता –अ’लहू व ला अजला व ला अमादा बेमा
शाक़'क़ू वोलाते अमरेका व अ-इ’ददा लहुम अज़ाबन लम
तोहिल'लहू बे-अहदीन मिन ख़ल'क़ेका ..
अल्लाहुम्मा व अद्खिल अला क़ता'लते अन्सारे रसूलेका व
अला क़ता'लते अमीरिल मोमिनीन व अला क़ता'लतिल हसने
वल हुसैने व अला क़ता'लते अन्सारिल हसने वल हुसैने
व क़ता'लते मन क़ोतेला फ़ी वेलायते आले मोहम्मदीन
अजमा-ईना अज़ाबन अलीमन मोजा-अफ़ान फ़ी अस्फाले दरकिन
मेनल जहीमे ला युखाफ़'फ़फो अन्होमुल अज़ाबो व हुम
फ़ीही मुब्लेसूना मल-ओ’ओनूना नाकेसू रो-ऊसेहीम इन्दा
रब्बेहीम क़द अ'अयनुन नदामता वल खिज़्यत तावीला
ले'क़ता'लेहीम इतरता अम्बेया-एका व रोसोलेका व अत्बा-अ’हुम
मिन ए’बादेकस सालेहीना ..
अल्लाहुम्मल –अन्हुम मुस्तासिर'रिस सिर्रे व ज़ाहेरिल
अला'नेयते फ़ी अर्ज़ेका व समा-एका
अल्लाहुम्माज-अल ली क़दामा सिद'कीं फ़ी औलिया-एका व हब्बिब
एलय्या मशा'हेदहुम व मुस्ताक़र'रहुम हत्ता तुल'हेक़ानी
बेहीम व तज-अलानी लहुम तबा-अन फिद दुन्या वल
आखेरते या अर्हमर राहेमीना … |
يَا مَوْلاَيَ
إِلَيْكَ وُفُودِي وَ بِكَ أَتَوَسَّلُ إِلَى رَبِّي فِي
بُلُوغِ مَقْصُودِي
وَ
أَشْهَدُ أَنَّ الْمُتَوَسِّلَ بِكَ غَيْرُ خَائِبٍ وَ
الطَّالِبَ بِكَ عَنْ
مَعْرِفَةٍ غَيْرُ مَرْدُودٍ إِلاَّ بِقَضَاءِ حَوَائِجِهِ
فَكُنْ لِي شَفِيعاً
إِلَى اللَّهِ رَبِّكَ وَ رَبِّي فِي قَضَاءِ حَوَائِجِي وَ
تَيْسِيرِ أُمُورِي وَ
كَشْفِ شِدَّتِي
وَ غُفْرَانِ ذَنْبِي وَ سَعَةِ رِزْقِي وَ تَطْوِيلِ
عُمُرِي
وَ إِعْطَاءِ سُؤْلِي فِي آخِرَتِي وَ دُنْيَايَ
اللَّهُمَّ الْعَنْ قَتَلَةَ
أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ اللَّهُمَّ الْعَنْ قَتَلَةَ
الْحَسَنِ وَ
الْحُسَيْنِ
اللَّهُمَّ الْعَنْ قَتَلَةَ الْأَئِمَّةِ وَ عَذِّبْهُمْ
عَذَاباً
أَلِيماً لاَ تُعَذِّبُهُ أَحَداً مِنَ الْعَالَمِينَ
عَذَاباً كَثِيراً لاَ
انْقِطَاعَ لَهُ وَ لاَ أَجَلَ وَ لاَ أَمَدَ بِمَا
شَاقُّوا وُلاَةَ
أَمْرِكَ
وَ أَعِدَّ لَهُمْ عَذَاباً لَمْ تُحِلَّهُ بِأَحَدٍ مِنْ
خَلْقِكَ
اللَّهُمَّ وَ أَدْخِلْ عَلَى قَتَلَةِ أَنْصَارِ رَسُولِكَ
وَ عَلَى
قَتَلَةِ أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ
وَ عَلَى قَتَلَةِ الْحَسَنِ وَ الْحُسَيْنِ
وَ عَلَى قَتَلَةِ أَنْصَارِ الْحَسَنِ وَ الْحُسَيْنِ
وَ قَتَلَةِ مَنْ قُتِلَ
فِي وِلاَيَةِ آلِ مُحَمَّدٍ أَجْمَعِينَ عَذَاباً أَلِيماً
مُضَاعَفاً فِي
أَسْفَلِ دَرْكٍ مِنَ الْجَحِيمِ
لاَ يُخَفَّفُ عَنْهُمُ الْعَذَابُ وَ هُمْ
فِيهِ مُبْلِسُونَ مَلْعُونُونَ
نَاكِسُوا رُءُوسِهِمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ قَدْ
عَايَنُوا النَّدَامَةَ وَ الْخِزْيَ الطَّوِيلَ
لِقَتْلِهِمْ عِتْرَةَ
أَنْبِيَائِكَ وَ رُسُلِكَ وَ أَتْبَاعَهُمْ مِنْ عِبَادِكَ
الصَّالِحِينَ
اللَّهُمَّ الْعَنْهُمْ فِي مُسْتَسِرِّ السِّرِّ وَ
ظَاهِرِ
الْعَلاَنِيَةِ فِي أَرْضِكَ وَ سَمَائِكَ
اللَّهُمَّ اجْعَلْ لِي قَدَمَ
صِدْقٍ فِي أَوْلِيَائِكَ وَ حَبِّبْ إِلَيَّ مَشَاهِدَهُمْ
وَ
مُسْتَقَرَّهُمْ
حَتَّى تُلْحِقَنِي بِهِمْ وَ تَجْعَلَنِي لَهُمْ تَبَعاً
فِي
الدُّنْيَا وَ الْآخِرَةِ يَا أَرْحَمَ
الرَّاحِمِينَ
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फिर
ज़रीह क़ो चूमें,
फिर ऐसे खड़े हों के
काबा आपके पीछे हो और
रौज़ा सामने,
फिर
पढ़ें : |
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अस्सलामो अलयका या अबा अब्दिल'लाहे
अस्सलामो अलयका
यबना रसूलिल'लाहे …
अस्सलामो अलयका
यबना अमीरिल मोमिनीना
अस्सलामो अलयका
यबना फ़ाते'मतज़ ज़हरा-ए-सा-सैयेदते नेसाइल आलामीना
अस्सलामो अलयका
या
अबल अ–इम्मतिल हादीनल महदी'ईना
अस्सलामो अलयका
या
सारी-अद दम-अतिस साकेबते
अस्सलामो अलयका
या
साहेबल मोसी'बतिर राते'बते
अस्सलामो अलयका
व अला जद्देका व अबीका
अस्सलामो अलयका
व अला
उम्मेका व अखीका
अस्सलामो अलयका
व अलाल अ-इम्मते मिन ज़ुर'रीयातेका व
बनीका अश-हदों लक़द तय्यब'अल्लाहो बेकत तोराबा व
अव्ज़ाहो बेकल केताबा व जा-अलाका व अबाका व जद'दका व
अखाका व बनीका इब्रतन लेऊलिल अल्बाबे यब्नल
मया'मीनल अत्याबित तालीनल केताबा वज'जहतो सलामी
एलय्का सलावातुल'लाहे व सलामोहू अलयका व जा-अला
अफ़-एदतन मेनन नासे तहवी एलय्का मा खबा मन तमस'सका
बेका व लजा-अ एलय्का .. |
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
أَبَا عَبْدِ اللَّهِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا ابْنَ
رَسُولِ اللَّهِ السَّلاَمُ
عَلَيْكَ يَا ابْنَ أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا ابْنَ
فَاطِمَةَ الزَّهْرَاءِ سَيِّدَةِ نِسَاءِ الْعَالَمِينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ
يَا أَبَا الْأَئِمَّةِ الْهَادِينَ الْمَهْدِيِّينَ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا
صَرِيعَ الدَّمْعَةِ السَّاكِبَةِ
السَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا صَاحِبَ الْمُصِيبَةِ
الرَّاتِبَةِ السَّلاَمُ عَلَيْكَ وَ عَلَى جَدِّكَ وَ
أَبِيكَ
السَّلاَمُ
عَلَيْكَ وَ عَلَى أُمِّكَ وَ أَخِيكَ السَّلاَمُ عَلَيْكَ
وَ عَلَى الْأَئِمَّةِ
مِنْ ذُرِّيَّتِكَ وَ بَنِيكَ
أَشْهَدُ لَقَدْ طَيَّبَ اللَّهُ بِكَ التُّرَابَ
وَ أَوْضَحَ بِكَ الْكِتَابَ
وَ جَعَلَكَ وَ أَبَاكَ وَ جَدَّكَ وَ أَخَاكَ وَ
بَنِيكَ عِبْرَةً لِأُولِي الْأَلْبَابِ يَا ابْنَ
الْمَيَامِينِ الْأَطْيَابِ
التَّالِينَ الْكِتَابَ
وَجَّهْتُ سَلاَمِي إِلَيْكَ صَلَوَاتُ اللَّهِ وَ
سَلاَمُهُ عَلَيْكَ وَ جَعَلَ أَفْئِدَةً مِنَ النَّاسِ
تَهْوِي إِلَيْكَ مَا خَابَ
مَنْ تَمَسَّكَ بِكَ وَ لَجَأَ إِلَيْكَ
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मुक़द्दस क़ब्र के पास खड़े होकर पढ़ें
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अस्सलामो अला अबिल अ-इम्मते व खलीलीं नोबुव्वाते
वल
मख्सूसे
बिल ओखुव'वाते
अस्सलामो अला
या’-सूबिद
दीने
वल इमाने व
कलेमतिर रहमाने..
अस्सलामो अला
मीज़ानिल आ’-माले व मोक़ल'लेबिल अहवाले
व सैफे ज़िल जलाले व साक़िस सल'सबीलिज़ ज़ोलाले
अस्सलामो अला
सालिहिल मोमिनीना व वारेसी’लमीन
नाबिय्यीना व हाकेमे यौमिद दीने
अस्सलामो अला
शाजरातित तक़वा व सामे-इस सिर्रे वन
नजवा अस्सलामो अला हुज्जतिल'लाहिल बाले'गते व
नेया’-मतेहिस साबे'गते व निक़'मतेहिद दामे'गते
असालामो अलस सेरातिल |